तकनीकी युवाओं ने लिया संस्कृत सीखने का संकल्प – एमएमएमयूटी में ‘संस्कृत एवं तकनीकि’ पर संवाद

संस्कृत सप्ताह महोत्सव के तीसरे दिन 300 से अधिक विद्यार्थियों ने भाग लिया, मुख्य अतिथि प्रमोद पण्डित ने कहा – "संस्कृत हर भारतीय के रक्त में बहती है"

संस्कृत सप्ताह महोत्सव के तीसरे दिन ‘संस्कृत एवं तकनीकि’ विषय पर युवाओं से संवाद
एमएमएम प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, गोरखपुर में हुआ भव्य आयोजन.

गोरखपुर। मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, गोरखपुर में चल रहे संस्कृत सप्ताह महोत्सव के तीसरे दिन शुक्रवार को भारतीय ज्ञान परंपरा विभाग की ओर से ‘संस्कृत एवं तकनीकि’ विषय पर संवाद कार्यक्रम आयोजित हुआ। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के 300 से अधिक विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया और भविष्य में संस्कृत सीखने का संकल्प लिया।

कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन और वैदिक मंगलाचरण से हुआ, जिसे अन्नू निषाद और तनिष्का ने प्रस्तुत किया। एकल संस्कृत गीत सगुन ने गाया, जबकि शांति पाठ मृत्युञ्जय और धनञ्जय ने किया।

अतिथियों का स्वागत और उद्बोधन
भारतीय ज्ञान परंपरा विभाग के समन्वयक डॉ. मिलिन्द राज आनन्द ने मंचासीन अतिथियों का पुष्पगुच्छ देकर स्वागत किया और संस्कृत भाषा के अन्य भाषाओं से संबंधों पर प्रकाश डाला। उन्होंने तकनीकी विद्यार्थियों को संस्कृत और शास्त्रीय भाषाओं के अध्ययन के लिए प्रेरित किया, ताकि वे ज्ञान के इस अक्षय भंडार से लाभान्वित हो सकें।

मुख्य अतिथि, संस्कृतभारती के क्षेत्र संगठन मंत्री प्रमोद पण्डित ने कहा कि संस्कृत हर भारतीय के रक्त में है और हम अनजाने में प्रतिदिन इसका प्रयोग करते हैं। उन्होंने भाषाओं के व्यवहारिक पक्ष पर चर्चा करते हुए कहा कि भाषाएं व्यक्ति और समाज, दोनों की उन्नति में सहायक होती हैं। पण्डित जी ने इस बात पर जोर दिया कि आज के युवाओं में आधुनिक विज्ञान के साथ-साथ प्राचीन भारतीय ज्ञान परंपरा और संस्कृत के प्रति रुचि बढ़ी है, और इस क्षेत्र में गहन अनुसंधान की आवश्यकता है।

अध्यक्षीय संबोधन और आह्वान
अध्यक्षीय उद्बोधन में मानविकी एवं सामाजिक विज्ञान विभाग के डॉ. सुधीर नारायण सिंह ने अंग्रेजी माध्यम से संस्कृत की ध्वनियों और उच्चारण की वैज्ञानिकता पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि न केवल भारत, बल्कि विश्व की अनेक भाषाओं की जड़ें संस्कृत में निहित हैं।

संस्कृतभारती के गोरक्ष प्रांत संगठन मंत्री डॉ. प्रकाश झा ने सभी को संस्कृत सप्ताह की शुभकामनाएं दीं और रक्षा बंधन के अवसर पर प्रत्येक घर में संस्कृत दिवस मनाने का आह्वान किया।

धन्यवाद ज्ञापन और संचालन
कार्यक्रम का धन्यवाद ज्ञापन डॉ. कुलदीपक शुक्ल ने किया। सम्पूर्ण कार्यक्रम का संचालन संस्कृत भाषा में डॉ. रंजनलता ने किया।