National

रेलवे नीद में मशगूल, यात्रियों की धमाचौकड़ी ,महाकुम्भ की चाह

नई दिल्ली(निर्वाण टाइम्स)।महाकुम्भ जाने को आतुर श्रद्धालु अपनी सारी परेशानियों को दरकिनार कर महाकुम्भ पहुँचना चाह रहे है। बड़े शहरों में 1 महीने से महाकुम्भ में वीकेंड मनाने निकलने की चाह ही दिल्ली रेलवे हादसा बन गया। ट्रेनों के लिमिटेड व्यवस्था या फिर कहे सड़को पर जाम, आम आदमी के लिए हमेशा से ट्रेन को सस्ता व सुरक्षित रास्ता माना जाता है। महाकुंभ में सोशल मीडिया, यूट्यूबर लगातार कवरेज कर लगातर यह बताते नजर आते है कि आज भीड़ कम थी, कल भीड़ ज्यादा थी।आम आदमी यह वीडियो देख सोच रहा है कि भीड़ तो कम थी चले कुम्भ, हो जाएगा स्नान।जिस देश को आबादी 1.40 अरब हो ,वहां ट्रेनों की कितनी भी मात्रा बढ़ जाये कम ही रह जाती है।जब नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर प्रति घंटे 1500 टिकटों की बिक्री हो रही थी तो उसी समय रेलवे को नीद से जग कर टिकट बुकिंग बंद कर देनी चाहिए थी, और यदि टिकट बुकिंग नही बंद की तो सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाई जानी थी।नई दिल्ली रेलवे स्टेशन की भगदड़ का जिम्मेदार रेलवे प्रशासन व आरपीएफ को ही माना जायेगा ? जांच के लिए टीम गठित कर देना, महीने दो महीने साल भर में जांच रिपोर्ट आना या फिर किसी अधिकारी कर्मचारी को सस्पेंड कर देने से मृतकों के परिजन रेलवे या फिर प्रशासन को मांफ नही करेगा। जब भी कोई बड़ी  घटना होती है तो सरकारे जांच गठित करती है।लेकिन क्या अनहोनी से पहले ऐसी घटनाओं को रोका जा सकता है? इस पर ध्यान देना जरूरी हो गया है।
कुम्भ बना पिकनिक स्पॉट
आज के युवक युवती  शोशल मीडिया से ग्रसित व घूमने के लिए स्थान ढूढ़ने में मशगूल रहते है। आज सभी को घूमने के लिए मौका व समय चाहिए। समय मिला नही की बैग पैक व प्रस्थान, यह सोचने की जरूरत ही नही की किन परेशानियो से गुजरना होगा।
कुम्भ स्नान से अधिक लोग कुम्भ भीड़ देखने व घूमने पहुँच रहे है। जिसके कारण रेलवे स्टेशनों से लेकर रोड पर यात्रियों की भीड़ देखी जा रही है।
ट्रेनों में एसी बोगियां बनी जनरल
प्रयागराज की तरफ से जाने या आने वाली ट्रेनों में बिना रिजर्वेशन यात्री एसी बोगियों में सफर करते नजर आ रहे है।जनरल व स्लीपर कोच का तो क्या ही कहना, कोचों में गेट पर जान की बाजी लगा यात्रा कर रहे लोगो मे अपनी जान का डर नही रह गया है।
चुनावी रेवड़ियो में फस जाते है मतदाता
चुनावो में अपना विकास या देश मे विकास को छोड़ निजी लाभ लेकर जब तक वोट दिया जाता रहेगा , विकास में समस्या उत्पन्न होती रहेगी। जो पार्टियां आज किसी घटना पर आरोप प्रत्यारोप लगाती नजर आती है।वही पार्टियां चुनावी समय मे विकास को कम रेवड़ियां बाँटने में अग्रणी नजर आती है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Alert: Content selection is disabled!!