बार-बार बेलरायां चीनी मिल बंद होने से नाराज किसानों से मिल के अधिकारियों का किया घेराव

तहसील क्षेत्र की एकमात्र चीनी मिल का भविष्य दिख रहा खतरे में,आये दिन मिल बिगड़ने से पेराई हो रही बाधित

 

बेलरायां – खीरी(चमन सिंह राणा/दिलीप गुप्ता)।।तहसील क्षेत्र में स्थित एकमात्र सरजू सहकारी चीनी मिल बेलरायां का भविष्य अब ठीक नहीं लग रहा।आये दिन मिल में कोई न कोई गड़बड़ी हो जाती है और पेराई बाधित हो जाती है।वैसे तो यह सिलसिला पिछले कई सालों से चल रहा है लेकिन वर्तमान पेराई सत्र में मिल की स्थिति कुछ ज्यादा ही डाँवाडोल हो गयी है।आये दिन मिल खराब होने से किसान त्रस्त हैं।किसानों में तो अब इस बात की भी सुगबुगाहट होने लगी है कि कहीं मिल के अधिकारियों ने क्षेत्र के क्रेशर मालिकों से कोई सांठगांठ तो नहीं कर रखी है जिसका खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है।
विडंबना की बात है कि इस बार यह मिल पूरी क्षमता से नही चल पा रही है।मिल के बार-बार बन्द होने से नाराज किसानों ने सोमवार को मिल के जीएम व चीफ इंजीनियर का घेराव करते हुए अपनी नाराजगी का इजहार किया और मिल को सुचारू रूप से व पूरी क्षमता से चलाने के लिए उनको तीन दिनों का समय दिया है।न चलने पर मिल अधिकारियों के खिलाफ मिल उपाध्यक्ष की अगुवाई में किसानों ने धरना प्रदर्शन की चेतावनी भी दी है।
क्षेत्र की लाइफ लाइन कही जाने वाली सरजू सहकारी चीनी मिल बेलरायां पहले से ही हजारों करोड़ के बोझ तले दबकर अपनी अंतिम साँसे ले रही है,ऊपर से नवीन पेराई सत्र में मिल का पूरी क्षमता से न चलना व रुक-रुक कर चलना साथ ही मिल को बाईपास करके चलाने से किसानों में आक्रोश की झलक साफ देखी जा रही है।
सोमवार को मिल के उपाध्यक्ष अमनदीप सिंह की अगुवाई में सैकड़ों किसानों ने मिल के पीसीएस जीएम राहुल यादव से मुलाकात कर नाराजगी का इजहार करते हुए मिल को सुचारू रूप से चलाने व पूरी क्षमता से चलाने का अल्टीमेटम दिया।न चलने पर धरना प्रदर्शन करने की बात कही।जीएम राहुल यादव ने किसानों को आश्वस्त करते हुए कहा कि मिल को बहुत जल्द ठीक कर लिया जाएगा।वही जीएम ने कारखाना प्रबन्धक वाई के गुप्ता को मिल पूरी क्षमता के साथ सुचारू रूप से चलाने का निर्देश दिया,इस दौरान मौजूद रहे , संचालक विनोद वर्मा,संचालक कुलदीप सिंह ,केडी,प्रधान पिन्टू यादव

मिल सूत्रों के मुताबिक अगर बन्दी सीजन में मिल मरम्मत का कार्य सन्तोषजनक होता तो शायद आज चीनी मिल की ये दुर्दशा न होती।किसानों का मानना है कि पूर्व में काफी चर्चित रहे चीफ इंजीनियर वीरेन्द्र कुमार की कार्यशैली के कारण ही आज मिल की ये हालत है।किसानों की मांग है कि मिल में कराए गए कार्यों की निष्पक्ष जांच हो तो भ्रष्टाचार की परतें स्वतः खुल जाएगी।