इसौली के “विकास” की सरलता राजनीति में बनेगी मजबूत “मिशाल”

जिले की राजनीति में खींच सकते हैं “अकाट्य” रेखा

शोहरत और संस्कार की होती चहुँओर चर्चा

सुलतानपुर(विनोद पाठक)। इसौली के “विकास” की सरलता बन सकती है उनकी मजबूत राजनीति का “मिशाल”। विकास के राजनीति में चारचांद लगा रहा उनका “संस्कार”। साथ ही व्यक्तित्व के धनी। ऐसे ही नेता राजनीति में “उछाल” लगाते हैं। उस पथ पर अग्रसरित भी हैं। मंजिल नजदीक नही तो दूर भी नही है, ऐसा वुद्धजीवियों का मानना है कि एक न एक दिन इसौली के “विकास” जिले की राजनीति में ऐसी रेखा खींचेंगे जो “अकाट्य” साबित होगी!
जिले के इसौली विधानसभा के पश्चिम और उत्तर के निवासी “विकास” की चर्चा कहीं न कहीं जिले से लेकर प्रदेश तक होती रहती है। चर्चा विरोध या चापलूसी को लेकर नही होती। चर्चा उनकी इस लिए होती है कि साधन संपन्न होते हुए भी बहुत सरल हैं। अहंकार और घमंड की “बू” दूर दूर तक नही। ऊपर से गजब का संस्कार। उनके मिलन का अलग “अंदाज”। बहुत ही सरल और “सरीखे” तरीके से अपनी बात को मंच पर रखना। ये है उनकी राजनीति की “तरक्की” की “चाल”। राजनैतिक व्यक्त समझते भी हैं, चर्चा भी करते हैं। जैसा नाम वैसा ही काम। पैर जिस क्षेत्र में पड़ा। “विकास” के एक से एक नए आयाम गढ़े।मामूली से किसान के बेटे ने कम समय मे ही शिक्षा के क्षेत्र में शोहरत अर्जित की। थोड़े ही समय मे शिक्षा के क्षेत्र में पैर जमाया। अब बड़े बड़े शिक्षा के…….सलाह लेते हैं और देते भी हैं। शिक्षा जगत में अपनी अलग पहचान बनाई। कई शिक्षण संस्थान खोले, मालिक भी बने। क्षेत्र के बच्चों के साथ बाहरी बच्चे भी शिक्षण संस्था से लाभान्वित हो रहे हैं। पर, अपनी सरलता और संस्कार को नही भूले। जैसे तब वैसे अब। यद्दपि “शौकीन” अंदाज का “मिजाज” साथ साथ चल रहा है। जिसमे सादगी का रहस्य भी छुपा है। अब शिक्षा के साथ साथ एक नए रास्ते की तलाश कर उस पर चल पड़े हैं। काफी आगे बढ़ गए है। वह भी बड़ी ईमानदारी-पारदर्शिता के साथ। अपने कौशल और मजबूतीका “लोहा” भी मनवा रहे हैं। सत्ता पक्ष की राजनीति में चर्चा में आ गए हैं। छोटे-बड़े नेता के बीच “विकास” की चर्चा आसमान छू रही है। जिले की राजनीति में आगे निकल चुके हैं। उस “ढर्रे” पर अग्रसरित है, जिस “डगर” पर चल के नेता राजनीति में “छलांग” लगाते हैं। मंजिल नजदीक नही तो दूर भी नही है। आज के “विकास” कल के भविष्य साबित हो सकते हैं? ऐसा जिले के वुद्धजीवियों का मानना है कि एक न एक दिन इसौली के “विकास” का विकास भी होगा,”विकास” विकसित भी होगा।