
हत्यारोपी चाचा, सगा भाई व दो चेचेरे भाई गिरफ्तार
हत्या कर प्रधान पति को फंसाने की रची थी साजिश
गोरखपुर। चौरी चौरा के देवीपुर गांव में रविवार देर रात करीब 12:45 पर दिव्यांग सुरेंद्र यादव ,(28) पुत्र स्व लालजी यादव की झोपड़ी में जिंदा जलाकर हत्या की घटना का पुलिस ने गुरुवार को पर्दाफाश कर दिया। हत्या मृतक के चाचा रामजीत, सगे भाई योगेंद्र, चेचेरे भाई पन्नेलाल व महेंद्र ने की थी। यह सब 27 लाख रुपये व जमीन हड़पने तथा प्रधान पति को फंसाने के लिए की गई थी। पुलिस ने चारों आरोपीयो को गिरफ्तार कर लिया।
एसपी नार्थ मनोज अवस्थी व एसएसपी मानुष पारिख ने बताया कि घटना की सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने रात में ही जांच पड़ताल शुरू कर दी थी । परिवारीजनों तहरीर पर पुलिस ने महिला ग्राम प्रधान प्रिया देवी, उसके पति वीरेंद्र, और भसुर लालबचन और सुरेंद्र पासवान के साथ अन्य पर मुकदमा दर्ज कर जांच कर रही थी। पुलिस की जांच मे आरोपी रामजीत यादव, महेंद्र यादव पुत्र रामजीत यादव पन्नेलाल पुत्र अयोध्या प्रसाद योगेंद्र यादव पुत्र स्व लालजी निवासीगण देवीपुर शाही टोला थाना चौरी चौरा का नाम प्रकाश में आया। जिन्हे गुरुवार को चौरी चौरा पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। उन्होने बताया कि तहसील प्रशासन की टीम ने लगभग डेढ़ साल पहले जमीन की पैमाइश की थी। इसमें जल जीवन मिशन के तहत पानी की टंकी के लिए जगह को सुरक्षित किया गया था। जमीन रामजीत यादव और उसके परिजनो के कब्जे मे थी जिसका वह लगातार विरोध करता था और पूर्व मे पैमाइश के लिए आये राजस्व कर्मी से विवाद किया था, जिसका मुकदमा पूर्व मे लिखा गया था । रामजीत यादव उसका लड़का महेन्द्र, भतीजा पन्नेलाल तथा योगेन्द्र पैमाइश के दौरान विवाद कर मिट्टी का तेल डालकर जलाने एवं स्वयं जलकर सभी लोगो को फंसाने की बात पूर्व मे गाँव वालो के सामने कर चुका था । जगह कीमती थी किसी कीमत पर वह उसको छोड़ना नही चाहता था तथा दूसरी तरफ रामजीत यादव, अयोध्या यादव तथा मृतक की माँ मैना देवी की जमीन बेचने के लिए स्वयं सौदा किया था और प्रापर्टी डीलर से दो जमीन के बनामे तथा एक जमीन की एग्रीमेन्ट की बात कही थी । उसने स्वयं की तथा अयोध्या की जमीन को बैनामा करके 1 करोड 19 लाख रुपया ले लिया तथा मैना देवी के खाते मे 27 लाख रुपया डलवा कर जमीन के एग्रीमेन्ट का दबाव बना रहा था जिसका मृतक तथा मैना देवी विरोध कर रही थी। इधर प्रापर्टी डीलर लगातार रामजीत यादव पर जमीन एग्रीमेन्ट करवाने के लिये दबाव बना रहा था । मृतक का छोटा भाई योगेन्द्र यादव शराब पीने का आदी था । रामजीत पन्नेलाल और महेन्द्र उसको योजनाबद्ध तरीके से मोहरा बनाकर शराब पिलाते थे। योगेन्द्र उकसावे मे आकर मृतक और माँ मैना देवी से अक्सर मारपीट करता था तथा अपने हिस्से की पैसे की मांग करता था। मैना देवी और मृतक सुरेन्द्र जमीन का पूरा पैसा मिलने पर ही जमीन का बैनामा करना चाहते थे। रामजीत बराबर साजिश के तहत अपने लड़के महेन्द्र और पन्नेलाल के साथ मिलकर योगेन्द्र को भड़काता रहता था कि किसी तरह एग्रीमेन्ट हो जाये उधर ग्राम प्रधान द्वारा ग्राम सभा की जमीन जो इन लोगो के कब्जे मे थी कि ट्यूबेल लगाने के लिए चिन्हित कर दी गयी थी उससे भी रामजीत आदि लोग उग्र हो गये थे । इसलिए वह घटना के 03-04 दिन पूर्व गाँव में महेन्द्र के घर पर आकर रुका था और योगेन्द्र को शराब पिलाकर अपने लड़के के साथ भेजकर सुरेन्द्र को गम्भीर रूप से घायल कर साक्ष्य मिटाने के लिए जलाकर मार दिया तथा ग्राम प्रधान को नामजद करवा दिया था ।