किंगमेकर की भूमिका में फिर से विधानसभा सदर

सेमरी बाजार, सुलतानपुर(संवाददाता)।जनपद की वर्तमान विधानसभा 189 सदर का नंबर व नाम कई बार बदला ,परंतु किंगमेकर सदर विधानसभा की भूमिका आज तक बरकरार है।जिस पर यहां के मतदाताओं को नाज है। यह भूमिका 16 बार इस विधानसभा ने साबित किया था।परंतु खास बात यह है कि मुख्यमंत्री की कुर्सी पाने की पहली राजनीतिक पहल भी यहीं से शुरू हुई है।जो भी हो यहां से जो जीता उसकी सरकार बनी ।यह कथानक 1957 से लेकर विधानसभा चुनाव 2017 तक साबित होता रहा जो एकबार फिर 2022 के चुनाव में भी साबित हुआ।
जनपद के पूर्वोत्तर में स्थित विधानसभा 189 सदर का स्वरूप 2012 के परिसीमन में वजूद में आया । पहली बार 1957 में अस्तित्व में आए विधानसभा 296 बरौंसा नाम रहा। जिसे विधानसभा चुनाव 1962 में 128 कर दिया गया।तत्पश्चात तीसरे विधानसभा चुनाव में विधानसभा 128 बरौसा का नाम बदलकर विधानसभा 126 जयसिंहपुर कर दिया गया।यह नाम व संख्या विधानसभा चुनाव 1996 तक बरकरार रहा।जिसे विधानसभा चुनाव 2002 में आयोग ने संख्या 110 कर दिया गया।परिसीमन में विधानसभा चुनाव 2012 में फिर एक बार विधानसभा की संख्या बदलकर189 कर सदर विधानसभा कर दिया गया।इस प्रकार विधानसभा की भौगोलिक स्थिति, संख्या व नाम में कई बार परिवर्तन हुआ।परन्तु किंगमेकर की भूमिका अब तक पांच बार संख्या बदली तो दो बार नाम, परंतु यह भूमिका आज भी बरकरार है।
बताया जाता है कि इस विधानसभा से जीतकर विधानसभा पहुंचने वाले की ही सरकार प्रदेश में बनती है उसी के पार्टी का मुख्यमंत्री बनता है। यही नहीं प्रदेश के मुख्यमंत्री का पद प्राप्त करने वाले जनपद के श्रीपति मिश्र ने अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत 1967 में इसी विधानसभा से जीत हासिल कर किया था।बाद मेंं विधानसभा इसौली को अपना कर्मक्षेत्र बनाया।16 सामान्य चुनाव व एक उपचुनाव में कांग्रेस को 8 बार, एकबार जनता पार्टी,एकबार जनता दल,दोबार भाजपा,दोबार सपा, तीन बार बसपा ने विजय हासिल की है।परन्तु विधानसभा चुनाव 2022 में भाजपा के प्रत्याशी राज प्रसाद उपाध्याय के जीत हासिल करने से फिर किंगमेकर की भूमिका साबित हो गई।यह कहा जा सकता है कि 1979 में जनता पार्टी के विधायक मकबूल हुसैन खान राज्य मंत्री की असामयिक निधन से खाली हुए कार्यकाल के लिए इस विधानसभा के उपचुनाव में स्व० राम लखन दूबे कांग्रेस के चुनाव चिन्ह से बिजयी हुए।परंतु विधानसभा की बैठक में शामिल होने से पहले विधानसभा भंग हो जाने के कारण सदन की कार्यवाही में कभी शामिल नहीं हो पाए।इसी कार्यकाल में 40 दिनों तक सरकार यहां के जीते हुए विधायक के बिपरीत रहा। विधानसभा चुनाव 2022 में भाजपा के प्रत्याशी राज प्रसाद उपाध्याय राज बाबू के जीत व भाजपा की सरकार बनने के लिए मिले प्रचंड बहुमत से भूमिका बरकरार है।यही नहीं इस विधानसभा के अब तक हुए चुनावों में जहां सर्वाधिक मत प्राप्त करने वालों में सपा के अरुण वर्मा 71939 मत को भी पीछे करते हुए श्री उपाध्याय ने यह गौरव हासिल किया।