Uttar Pradesh

एक महीने में आधे दर्जन लोगों की गई जान, जिम्मेदार कौन ?

प्राइवेट हॉस्पिटलो मे लगतार मौत से थर्राया सोनभद्र : शत्रुंजय मिश्रा

जिलेभर में प्राइवेट हॉस्पिटल में आए दिन घट रही घटना

स्वास्थ्य विभाग नोडल पर उठ रहे सवाल, कार्रवाई के नाम पर वसूली का आरोप

निर्वाण टाइम्स
सोनभद्र (ब्यूरो)।जिला मुख्यालय स्थित एक अस्पताल में इलाज के दौरान 40 वर्षी महिला की बुधवार को सुबह मौत हो गई। मौत की जानकारी होते ही परिजनों ने हंगामा करते हुए अस्पताल के ऊपर कार्रवाई की मांग उठाई है।
जिला अस्पताल के चौकी प्रभारी संजय सिंह ने बताया कि नसीरा बेगम पत्नी मुमताज उम्र 40 वर्ष निवासी जोगनी थाना करमा जो 5/8/ 2025 को अस्वस्थ होने के कारण इलाज हेतु नगर के सहारा हॉस्पिटल धर्मशाला रावटसगंज में भर्ती हुई थी जिसका इलाज के दौरान बुधवार की सुबह मौत हो गई है। मौके पर पहुंची पुलिस ने परिजनों को शांत करते हुए अग्रिम कार्रवाई में जुट गई। बता दें कि विगत एक महीने के अंतराल जिले भर में जगह-जगह किराने की दुकान की तरफ खुले प्राइवेट हॉस्पिटल में मौत का सिलसिला जारी है जिसमें आए दिन लोग अस्पताल के लापरवाही की भेट चढ़ रहे है।

प्राइवेट हॉस्पिटलो मे लगतार मौत से थर्राया सोनभद्र…शत्रुंजय मिश्रा

जिला कॉंग्रेस कमेटी के जिला प्रवक्ता शत्रुंजय मिश्रा ने कहा प्राइवेट हॉस्पिटलो मे मौत का शिलशिला थमने का नाम नहीं ले रहा l इलाज के नाम पर मोटी रकम वसूली की जा रही है। आदिवासियों, पिछड़ों, दलितों और सुदूर क्षेत्र से आने वाले मरीजों का शोषण बदस्तूर जारी है। जनपद मे कुकुरमुत्ते की तरह आय दिन हॉस्पिटल खुल रहे है । बिना मानक तय किए हॉस्पिटलो का पंजीकरण मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय से किया जा रहा है ।श्री मिश्रा ने कहा की बीजेपी सरकार मे बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था करने के वादे महज खोखला साबित हो रहा है। जनता के स्वास्थ्य समस्याओं पर जिले के जनप्रतिनिधि भी मौन है ।लगातार हॉस्पिटलो मे मरीजों के मौत का शील शीला जारी है। जनपद मे बिना मानक को पूरा किए हॉस्पिटल संचालन की खुली छुट सीएमओ के कार्यालय से दी जा रही है।जिले के प्राइवेट हॉस्पिटलो मे इलाज के नाम पर मोटी रकम वसूली जा रही है ।जिले के स्वास्थ्य विभाग के नोडल अधिकारी जाँच के नाम पर महज खानापूर्ति कर प्राइवेट हॉस्पिटलो से धन उगाही मे लगे हुए है ।उन्होंने कहा की जिले मे प्राइवेट हॉस्पिटलो मे मौत के कई मामले सामने आए लेकिन किसी भी मामले मे पीड़ितों को न्याय नहीं मिला l जिला प्रशासन और जिले के जनप्रतिनिधि मौन है। अखिरकार जिले मे प्राइवेट हॉस्पिटलो मे मौत का शिलशिला कब थमेगा। साथ ही कहा की जब हॉस्पिटल मे किसी मरीज़ की मौत हो जाती है तो कानून प्रक्रिया से बचने के लिए हॉस्पिटल प्रबन्धक द्वारा मरीजों के परिजनो के खिलाफ फर्जी मुक़दमा दर्ज करा कर उनकी आवाज को दबा दिया जाता है।

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