कुशीनगर/अहरौली ग्राम सभा मुजहना मे गरीबों ने कोटेदार के खिलाफ किया नारेबाजी
कुशीनगर/अहरौली ग्राम सभा मुजहना मे गरीबों ने कोटेदार के खिलाफ किया नारेबाजी
सरकार जहाँ गरीबों को अंत्योदय पर 35 किलो कर रही आवंटन गरीबों को मिल रहा 32 किलो राशन
अहिरौली/ग्राम मुजहना तिवारी कुशीनगर,
मंडल चीफ बयूरो विनय तिवारी की रिपोर्ट,
जी हा ये बात है अहिरौली थाना छेत्र अंतर्गत ग्राम सभा मुजहना तिवारी की जहाँ सालों से वहाँ के कोटेदार राम दवन प्रसाद s/o चिंता प्रसाद जो कि ग्राम सभा मुजहना का रहने वाला है।व गाँव का कोटेदार भी है।
आज दिनाँक02-04-2020 को जब राशन वितरण कर रहा था तो उनमें से एक ने राशन लेने के बाद वही तौल जब गाँव मे ही किसी दूसरे कांटे पर तौल कराई तो पता लगा कि कोटेदार ने मात्र 32 किलो 200 ग्राम तौल किया है।जिस पर वही ग्राम सभा निवासी दुबारा लौटकर कोटेदार के जाकर कम तौल के लिए पूछने लगा जिसोर कोटेदार ने उल्टा उससे बहस शुरू कर दिया।जिससे कुछ देर के बाद देखते ही देखते अन्य ग्राम सभा के लोगो का भी जमावड़ा शुरू हो गया।और सभी लोगो ने कम तौल की इस बात को सही कहते हुए उसके खिलाफ शुरू करदी नारेबाजी सहित विरोध।जिसपर मौके पर वह इधर उधर हट गया।जबकि प्रधान द्वारा सप्लाय इंस्पेक्टर से पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि सरकार में सभी को 35 किलों राशन बांटने का दिया है आदेश और हमारे संवाददाता के नुसार फोन पर ही कोटेदार को लगाई डांट।
जब हमारे न्यूज संवाददाता ने इसकी जानकारी गाँव वालों से लेना शुरू किया तो पता चला कि कोटेदार के खिलाफ इसके पहले भी कई बार विभाग में शिकायत हो चुकी है।पर उसके ऊपर किसी प्रकार से ककी कार्यवाही नही हुई जिससे उसका मन दिन प्रतिदिन बढ़ता गया। और वो कुछ प्रभावशाली लोगों के संरक्षण में अपबे बीच बचाव करते हुए आज भी मनमानी ढंग से चल रहा कोटा।और कम तौल के साथ दाम से अधिक पैसा वसूलने के भी आरोप लगा रहे ग्राम सभा निवासी।
अब जबकि प्रशन यह उठता है कि जहां एक तरफ पूरा भारत/प्रदेश इस वैश्विक महामारी से जूझ रहा और सरकार गरीबों के घरों तक फ्री अनाज भिजवा रही जो कि कोटेदारों के माध्यम से गरीब जनता एक एक जन जन तक पहुँचे व कोई भी भूखा न रहे।वही मानवता को तार तार करने वाले गरीबो का हक़ मार अपनी जेभे भरने वाले इंसानियत के ऐसे दरिंदो को क्या बार बार छोड़ना उचित।वो भी इस महामारी में जहाँ एक टाफ सरकार सहित बहुत से लोग जो कि घर घर शहर में गलियों कस्बों मे पहुँच कर एक एक भूखे को खिला रहे भोजन। वही कलंक बनते ऐसे लोग भी जो कि मानवता व सरकार की नीतियों को कर रहे विफल।
आखिर इन पर क्यों नही होती कोई ठोस कार्यवाही-?
क्यो नही सरकार शासन उठाती ककी कठोर कदम इन पर–?
कौन है इनका संरक्षण दाता जिसके बल पर ये करते मनमानी–?
ऐसे तमाम प्रशन आज जनता के मुँह पर और उत्तर कोई नही।
न्यूज संवाददाता ज्ञानेंद्र पांडेय के साथ कुशीनगर टीम।