फरीदकोट रियासत में अंतिम शासक की बेटियों को मिला हक़ : नवाब काज़िम अली खां
रामपुर से सम्बंधित कोर्ट का फैसला देश की अन्य रियासतों के लिए है नज़ीर।
रामपुर । अन्तिम शासक नवाब रज़ा अली खां के पौत्र पूर्व मंत्री नवाब काज़िम अली खां उर्फ नवेद मियां ने कहा है कि रामपुर रियासत की संपत्ति के बंटवारे को लेकर सुप्रीम कोर्ट का फैसला मील का पत्थर साबित हुआ है। इस तरह के फैसले अब कई अन्य रियासतों के मुकदमों में भी आ रहे हैं।अनेक रियासतों में संपत्ति के बंटवारे की प्रक्रिया शूरू हुई है। उत्तर प्रदेश की रामपुर रियासत के अंतिम शासक नवाब रज़ा अली खां की संपत्ति विवाद में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद देश के कई अन्य राज्यों में भी दशकों से चल रहे इस तरह के विवादों में निर्णय आ आ रहे हैं।राजस्थान के राजघराने उदयपुर के बाद अब पंजाब की फरीदपुर स्टेट के मामले में अदालत ने फैसला सुनाया है।रामपुर मुस्लिम रियासत थी,लिहाज़ा अन्तिम शासक के सभी वारिसान को मुस्लिम पर्सनल लॉ के अनुसार जायदाद बांटे जाने का आदेश हुआ है।जबकि उदयपुर और फरीदकोट में हिन्दु लॉ लागू होगा।नवाब काज़िम अली खां ने बताया कि फरीदकोट के अंतिम शासक महाराजा सर हरिंदर सिंह बराड़ थे।उनकी पच्चीस हज़ार करोड़ से अधिक की संपत्ति से बेटियों को बेदख़ल कर दिया गया था।23 साल तक अदालतों में चली मुक़दमेबाज़ी के बाद अब कोर्ट ने दोनों बेटियों अमृत कौर और दीपिंदर कौर के हक़ में निर्णय पारित किया है।पिता की जायदाद से फर्ज़ी वसीयत के आधार पर बेदख़ल कर दी गईं बेटियों को उनका अधिकार मिलना ख़ुशी की बात है।
उनका कहना है कि रामपुर रियासत के मामले में आया निर्णय एक नज़ीर है।सबसे पहला फैसला रामपुर के मामले में ही सुनाया गया था।नवाब काज़िम अली खां ने बताया कि रामपुर रियासत की संपत्ति के बंटवारे की प्रक्रिया इसी वर्ष दिसम्बर तक पूर्ण होगी।