कुपोषण की रोकथाम के लिए कृषि विज्ञान केंद्र में ग्रामीण महिलाओं को प्रशिक्षण दिया

फफूंद/औरैया।ब्लाक भाग्यनगर क्षेत्र के परवाहा स्थित कृषि विज्ञान केंद्र औरैया में अग्रिम पंक्ति प्रदर्शन के तहत ग्रामीण महिलाओं को एक दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया।प्रशिक्षण के दौरान केंद्र के विशेषज्ञों द्वारा महिलाओं को संतुलित आहार, कुपोषण की समस्या से बचने व घर में पोषण वाटिका लगाने की जानकारी दी गयी और विभिन्न प्रकार की सब्जियों व कद्दू वर्गीय सब्जियों का बीज वितरण किया गया।

गुरुवार को प्रशिक्षण का संचालन कर रहीं गृह वैज्ञानिक डॉ रश्मि यादव ने महिलाओं को बताया कि भोजन संतुलित तभी होगा जब प्रत्येक व्यक्ति अपने आहार में तीन सौ ग्राम सब्जियां (सौ ग्राम पत्तेदार सब्जी सौ ग्राम जड़ वाली सब्जी व सौ ग्राम अन्य) एवं पैंसठ से अस्सी ग्राम फलों का सेवन करें।उन्होंने बताया कि हमारे देश में कुपोषण से बच्चे अधिक प्रभावित होते हैं यह एक हद तक लोगों को खाद्यान्न दाल एवं तेल से वसा प्रोटीन कार्बोहाइड्रेट तो उपलब्ध हो जाती है परंतु विटामिन व खनिज लवणों की कमी बनी रहती है कुपोषण की समस्या विटामिन ए व खनिज लवण की कमी से अधिक होती है। इसे दूर करने के लिए आहार में सब्जियों एवं फलों का सेवन निर्धारित मात्रा में इस्तेमाल करने से हमें खाद्य एवं विटामिन के साथ-साथ कार्बोहाइड्रेट व वसा भी प्राप्त होते हैं जो कि कुपोषण की समस्या को दूर करने में सहायक होते हैं। उन्होंने किसानों की आय दोगुनी करने के बारे में भी चर्चा की उन्होंने कहा कि आय दोगुनी करने के लिए व्यापार के अलावा हम अपने जीवन में हो रहे दैनिक व्यय में कटौती कर आय में बढ़ोतरी कर सकते हैं। एक परिवार में लगभग पच्चीस प्रतिशत सब्जियों फलों पर व्यय होता है अगर हम अपने घर में पोषण वाटिका बनाकर ताजा हरी सब्जियों का सेवन कर स्वास्थ्य व दैनिक व्यय दोनों की बचत कर सकते हैं।
केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं हेड डॉ अनंत कुमार ने संतुलित आहार व किस मौसम में कौन सी सब्जी लगाएं नर्सरी कैसे डालें आदि पर चर्चा की व शस्य वैज्ञानिक डॉ संदीप कुमार सिंह ने बताया कि बीज बोने से पहले खेत की तैयारी पर विशेष ध्यान दें और एक महीना पहले गोबर खाद डालकर खेत को तैयार करना चाहिए।उद्यान वैज्ञानिक ने बताया कि सब्जियों के बीज बोने से पहले शोधित जरूर करें वहीं प्रोग्राम सहायक अंकुर झां ने कीट प्रबंधन के बारे में सुझाव दिए व पौधों में हो रहे कीट प्रकोप से बचाने उपाय ,दवा और घरेलू उपचार भी बताए।प्रशिक्षण में आसपास क्षेत्र के कई गाँव की महिलाएं मौजूद रहीं।