गोरखपुर एसटीएफ को मिली बड़ी सफलता। 15 वर्षो से आरटीओ विभाग अधिकारियों के मिली भगत से राजस्व को चुना लगाने वाले 06 अभियुक्त हुआ गिरफ्तार।
गोरखपुर एसटीएफ को मिली बड़ी सफलता।
15 वर्षो से आरटीओ विभाग अधिकारियों के मिली भगत से राजस्व को चुना लगाने वाले 06 अभियुक्त हुआ गिरफ्तार।प
गोरखपुर,
मंडल चीफ बयूरो विनय तिवारी की रिपोर्ट,
जी हा बताते चले कि आज दिनाँक 24-01-2020 को राजस्व विभाग को करोड़ो की चपत लगाने वाले गिरोह का एसटीएफ ने किया पर्दा फास।आरटीओ विभाग के अधिकारियों/कर्मचारियों की मिली भगत से अवैध वसूली कर करोड़ो रूपये राजस्व की क्षति पहुंचाकर वाहनों की वसूली करने वाले गिरोह का एसटीएफ ने पर्दाफाश करते हुए अभियुक्त सरगना धर्मपाल सिंह व मनीष सिंह (शिब्बू) सहित 06 अभियुक्तो की गिरफ्तारी करने में बड़ी सफलता हाथ लगी।
बताते चले कि विगत काफी दिनों से उत्तर प्रदेश में पुर्वांचल के जनपदों में संगठित गैंगों के सक्रिय होकर सड़क मार्ग पर भारी ओवरलोड वाहनों से आरटीओ अधिकारियों/कर्मचारियों के मिली भगत से अवैध वसूली कर राजस्व की क्षति पहुंचाकर वाहनों को पास कराने की सूचनाये प्राप्त हो रही थी।शासन ने इसकी जाँच उत्तर प्रदेश एसटीएफ को देते हुए आवश्यक कार्यवाही का निर्देश दिया।इस सम्बंध में अमिताभ यश पुलिस महानिरीक्षक,यशपाल विक्रम सिंह प्रभारी वरीष्ठ पुलिस अधीक्षक, एसटीएफ फील्ड इकाई गोरखपुर को सुपुर्द करते हुए एक टीम सत्य प्रकाश सिंह के नेतृत्व में टीम गठित की गई।इस टीम में उप निरीक्षक सूरज नाथ सिंह व उप निरीक्षक आलोक कुमार राय द्वारा अभिसूचना संकलन की कार्यवाही प्रारम्भ की गई।इसी दौरान आज दिनाँक 24-01-2020 को विश्वशनीय सूत्रों से सूचना प्राप्त हुई कि इस गिरोह का सरगना धर्मपाल सिंह अपने कुछ सदस्यों के साथ मधुबन होटल ढाबों पर मौजूद हैं।मनीष उर्फ शिब्बू सिंह ढाबे पर मौजूद हैं तथा अवैध वसूली का हिसाब किताब कर रहे हैं।
पुलिस निरीक्षक सत्यप्रकाश सिंह के नेतृत्व में एसटीएफ गोरखपुर की टीम मधुबन ढाबे पर पहुंची।तो सरगना धर्मपाल अपने गैंग के सदस्यों के साथ था मौजूद।जिसे एसटीएफ टीम ने अपनी ततपरता दिखाते हुए मौके पर उचित बल प्रयोग करते हुए सभी अभियुक्तों की गिरफ्तारी।
अभियुक्तों ने बताया कि विभन्न वाहन जनपद का ओवरलोड पास कराने का रेत प्रति वाहन 2500 से 4500 वसूला जाता था।इस गैंग द्वारा प्रतिदन सैकड़ो ट्रकों को पास कराये जाने का ठेका लिया जाता है।उक्त गिरोह की मदद आरटीओ विभाग के प्राइवेट चालको व सिपाहियों द्वारा भी की जाती हैं।जिसकी पुष्टि इनके पास बरामद डायरी ,रजिस्टर,मोबाइल फोन व अन्य अभिलेखों व प्रपत्रों से भी हुई हैं।