जानिए गोरखनाथ मंदिर में मकर संक्रांति पर खिचड़ी चढ़ाने की परंपरा,
जानिए गोरखनाथ मंदिर में मकर संक्रांति पर खिचड़ी चढ़ाने की परंपरा।
गोरखपुर में मकर संक्राति यानि की खिचड़ी का विशेष महत्व है क्योंकि मान्यता है कि गोरखपुर में भगवान गोरक्षनाथ वास करते हैं और उनका सबसे प्रिय भोजन खिचड़ी है. आदि काल से भगवान गोरक्षनाथ को यहां खिचड़ी चढ़ाई जाती है. मकर संक्राति के दिन भगवान गोरक्षनाथ को पहली खिचड़ी गोरक्षपीठाधीश्वर चढ़ाते हैं इसके बाद नेपाल नरेश की खिचड़ी चढ़ाई जाती है.
गोरखपुर में विराजमान भगवान गोरक्षनाथ को सबसे प्रिय खिचड़ी ही है. यहां पर हर वर्ष मकर संक्राति के दिन भगवान गोरक्षनाथ को खिचड़ी चढ़ाई जाती है और प्रसाद के रूप में भी भक्त जनों को खिचड़ी दी जाती है. ऐसी मान्यता है कि हिमाचल प्रदेश के ज्वाला देवी में जो पानी उबल रहा है, वो भगवान गोरक्षनाथ के लिए खिचड़ी बनाने के लिए उबल रहा है.
*नेपाल से जुड़ी है मान्यता*
कहा जाता है कि एक दिन भगवान गोरक्षनाथ ज्वाला देवी के यहां खाने पर गए तो वहां पर उन्हे तामसी भोजन परोसा गया, जिसे उन्होंने खाने से इनकार कर दिया. ज्वाला देवी के आग्रह पर गोरक्षनाथ ने कहा कि आप पानी को गर्म करिये मैं भिक्षाटन करके कुछ लेकर आता हूं. गोरक्षनाथ भगवान भिक्षाटन करते-करते गोरखपुर तक आ गए पर वो जिस खप्पर में भिक्षाटन कर रहे थे वो भरा नहीं और आज तक भी वो नहीं भर सका, जिसके कारण भगवान गोरक्षनाथ ने गोरखपुर को अपनी तप स्थली बनाते हुए यहीं के होकर रह गये.इतना ही नहीं गोरक्षनाथ मंदिर का नेपाल से भी बहुत गहरा नाता है. ऐसी मान्यता है कि नेपाल में राजवंश यानि की शाह परिवार का उदभव भगवान गोरक्षनाथ के आर्शीवाद से हुआ था तभी गोरक्षनाथ भगवान को पहली खिचड़ी गोरक्ष पीठाधीश्वर चढ़ाते हैं तो दूसरी खिचड़ी नेपाल नरेश की चढ़ती है. उसके बाद सभी श्रद्धालु खिचड़ी चढ़ाते हैं.