जौनपुर : सही तरीके से सील बंद ना होने के कारण पीजीआई लैब से लौटाए गए जौनपुर के 385 सैंपल
जौनपुर। इसे विभागीय चूक कहें या लापरवाही। जौनपुर जिले में सैंपल देकर खुद की कोरोना रिपोर्ट का इंतजार कर रहे 385 लोगों की रिपोर्ट अब नहीं आएगी। पीजीआई ने इन सैंपल को रिजेक्ट कर दिया है। दलील दी गई है कि इनकी सीलिंग अच्छे से नहीं हुई थी, जिस कारण सैंपल टेस्ट नहीं हो सकते।
यह सैंपल ज्यादातर ऐसे लोगों के हैं, जो कोरोना मरीजों के परिवार के सदस्य हैं या फिर नजदीकी संपर्क में आए थे। सैंपल रिजेक्ट होने के बाद इस संदिग्धों की कोरोना स्थिति को असमंजस बना हुआ है। अगर वह संक्रमित हुई तो जांच में यह देरी उनके साथ ही कइयों के लिए परेशानी का सबब बन सकती है।
जिले में कोरोना का संक्रमण तेजी से फैला है। अब तक 445 पॉजिटिव केस मिल चुके हैं। इनमें ज्यादातर मामले मुंबई से आने वालों के हैं। संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए प्रशासन इन लोगों के ज्यादा से ज्यादा सैम्पल करा रहा है, जिससे किसी भी संक्रमित की पहचान बच न सके। स्वास्थ्य विभाग की चूक इन कोशिशों पर भारी पड़ती दिख रही है।
जिले से अब तक 9088 सैंपल लिए जा चुके हैं। इसमें 7460 की रिपोर्ट अब तक आई है। पीजीआई की लैब ने 385 सैंपल को रिजेक्ट कर दिए हैं। कहा गया है कि सैंपल की सीलिंग ठीक से नहीं हुई थी। जिससे वह लीक हो गए हैं। ऐसे में इनकी जांच संभव नहीं। सैंपल रिजेक्ट किए जाने के बाद प्रशासन के सामने नई चुनौती खड़ी हो गई है।
बड़ी समस्या यह है कि अब सभी संदिग्धों के सैंपल दोबारा लेने होंगे, जिसकी रिपोर्ट आने में फिर से 4-5 दिन लगेंगे। इस बीच अगर 385 में से कोई भी व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव मिला तो वह कई लोगों तक बीमारी पहुंचा चुका होगा और उपचार में देरी से उसका स्वास्थ्य भी खतरे में पड़ सकता है। इस बाबत सीएमओ डॉ रामजी पांडेय का कहना है कि लीकेज की आशंका से सैंपल लौटाए गए हैं। इन सभी मरीजों की दोबारा सैंपलिंग कराई जा रही है। उन पर निगरानी रखी जा रही है। ज्यादातर सैंपल 11 से 13 जून के मध्य के हैं।