मुंबई : लॉकडाउन में रिलीज हुई वागीश सारस्वत की फ़िल्म ” गुड्डा “

संवाददाता : एसपी पांडेय
मुंबई: एक तरफ जहां पूरा देश कोरोना से लड़ने के लिए लॉकडाउन की गिरफ्त में है वहीं महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के महासचिव तथा लेखक निर्देशक वागीश सारस्वत ने अपनी शॉर्ट फिल्म गुड्डा को रिलीज करके घर बैठे मनोरंजन करने के क्षेत्र में राहत प्रदान की है।निर्देशक वागीश सारस्वत ने लॉकडाउन से कुछ माह पूर्व ही मुंबई की विभिन्न लोकेशन पर गुड्डा फ़िल्म की शूटिंग पूरी की थी। चार मिनिट की इस फ़िल्म की शूटिंग गोराई बीच, भायंदर, गोरेगांव तथा मालाड की अलग-अलग लोकेशन पर की गई थी।वागीश सारस्वत के मुताबिक गुड्डा एक ऐसे लड़के की कहानी है जो लड़कियों की तरह रहना, कपड़े पहनना, सजना सँवारना तथा बाल बनाने का शौक रखता है। कालांतर इन इस लड़के को एक लड़के से प्रेम हो जाता है। वह उस लड़के के साथ लड़की बनकर जीवन बिताना चाहता है । परिवार और समाज के लोग उसका विरोध करते हैं। लेकिन गुड्डा के पिता इस लड़ाई उसका साथ देतें हैं और गुड्डा अपना सेक्स बदलवाने की दिशा में अग्रसर होता है। वागीश सारस्वत लिखित और निर्देशित इस फ़िल्म को वागीश सारस्वत फ़िल्म प्रोडक्शन और फिल्मोनिया प्रोडक्शन्स के बैनर तले निर्माता निकिता राय ने बनाया है। फ़िल्म का संपादन राहुल तिवारी ने किया है जबकि अरुण पांडेय ने अपने कैमरे से गुड्डा को फिल्मांकित किया है।
वागीश सारस्वत ने इससे पहले हलाला फ़िल्म का निर्माण किया था। मुस्लिम समाज।में हलाला की कुप्रथा पर बनी यह फ़िल्म खासी चर्चित और विवादित रही थी। सेक्स परिवर्तन के विषय पर बनी गुड्डा फ़िल्म के बाबत वागीश सारस्वत का कहना है कि मैंने ऐसे कई केस देखे हैं जिनमे लड़के अपना सेक्स बदलकर लड़की बनने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। सेक्स बदलने की प्रक्रिया खर्चीली होने के कारण और सामाजिक विरोध के कारण बहुत से लोग चाहते हुए भी अपना सेक्स नही बदल पाते। हमारी फ़िल्म सेक्स परिवर्तन की अनेक उलझी हुई गुत्थियों को सुलझाने का प्रयास है।