Lakhimpur-khiri

साहब!कैसे बसर होगी हमारे परिवारो की जिदंगी, वन विभाग ने खाली कराई किसानो से भूमि

साहब!कैसे बसर होगी हमारे परिवारो की जिदंगी

वन विभाग ने खाली कराई किसानो से भूमि

किसानो की खड़ी गन्ने की फसल जोती गयी

भूखमरी के हालात पैदा होगे वहां के ग्रामीणों के पास

,,तुम्हारी फाइलों में गाँव का मौसम गुलाबी है,,,

“मगर ये आँकड़े झूठे हैं ये दावा किताबी है,,,

एस.पी.तिवारी/सोनू पाण्डेय

निघासन-खीरी।वैसे कोरोना की महामारी ने देश के लोग संकट से गुजर रहे हैं वही वन विभाग द्वारा रननगर के लोगो से वन विभाग की भूमि खाली करायी जा रही है।खडी गन्ने की फसल जोत दी गयी।किसानो के सामने भूखमरी के हालात होगे पैदा।एक हजार एकड है भूमि का मामला।बताते चले कि निघासन तहसील के ग्राम रननगर का है जहां भारत पाक के बटवारे में ये लोग वर्ष 1955 में भूमि की तलाश में यहां खाली पडी जमीन पर बस गये।लेकिन कोर्ट के आदेश के बाद वन विभाग यह भूमि खाली करायी जा रही है जिससे इन ग्रामीणो को भूमिहीन होकर बेघर हो पडेगा।

शासन प्रशासन क्या करेगा इन बेघर हुये ग्रामीणों के लिये इंतजाम

वैसे तो यूपी की भाजपा सरकार गरीबो के विकास के लिये तत्पर है परंतु करीब पैसठ साल से काबिज इन लोगो से वन विभाग द्वारा खाली करायी जा रही जमीन से यें सब कहां जायेगे।सरकार इन भूमिहीन बेघर हुये लोगो के लिये कहां भूमि उपलब्ध कराया कहां जायेगे ये ग्रामीण यह भी समस्या इन लोगो के लिये बना हुआ है।

कैसे बसर होगी जिदंगी

रननगर के ग्रामीणो का कहना है कि यदि यह भूमि हम सब से ले ली जायेगी तो हम लो कहां रहेगे।लोगो का कहना है कि हमारे बच्चे बडे हो रहे है कैसी हम अपने बच्चो का भरण पोषण कैसे होगी।हम बिना किसी आमदनी के कैसे अपने बच्चो की शादी व्याह करेगे।बिना जमीन के यें जिदंगी कैसे बसर होगी।

कैसे बन गये प्रधानमंत्री आवास व शौचालय वन विभाग की भूमि पर

एक तरफ जब ग्रामीण इस वन विभाग की भूमि पर इन्हे मिले शौचालय व प्रधानमंत्री आवास कैसे बन गये।निर्माण कार्य होते समय बन विभाग ने इन्हे क्यो नही रोका।अब समस्या इन लोगो के सामने यह भी है कि ये अपने पक्के मकान आवास तोडकर जाये भी तो कहां जाये।वहां के लोगो का कहना है कि हम जाये भी तो कहां जाये।

महिलाओ बच्चो के साथ की बदसलूकी

ग्रामीणो ने बताया कि पुलिस व वन विभाग के डर से वह अपने घरो को छोड़कर चले गये थे।हमारे परिवारो की महिलाओ व बच्चो के साथ बदसलूकी की गयी हमारे घरो में वन विभाग ने तोडफोड की,घरो की मोटर पम्प खोल ले गये बकरा-बकरी,मुर्गी मुर्गा भी उठा ले गये।यदि देखा जाये तो वन विभाग की भी मजबूरी है क्योकि कोर्ट के आदेश से ही यह भूमि खाली करायी जा रही है क्योकि इस वन विभाग की भूमि पर सरकार वृक्षारोपण कराने की मंशा है।लेकिन इन ग्रामीणों के लिये भी जीवोकोपार्जन की समस्या बनी हुई है।दर्द इन बेघर भूमिहीन ग्रामीणो के सामने भी है कि ये जाये भी तो कहां जाये और अपनी फरियाद सुनाये भी तो किसको सुनाये।

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