प्रदेश सरकार गन्ना किसानों के आर्थिक विकास के लिए प्रतिबद्ध
गोण्डा(रुबल कमलापुरी)। प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी कोरोना महामारी की विश्व व्यापी विभीषिका एवं लाॅकडाउन के बावजूद गन्ना किसानों के हित में लगातार कार्य कर रहे हैं। सरकार ने इस पर विशेष बल दिया कि किसानों एवं गन्ना किसानों को आर्थिक लाभ होता रहे। उनको किसी प्रकार की परेशानी न होने पाये। प्रदेश सरकार ने गन्ने की बसंतकालीन गन्ना बुआई माह फरवरी से अप्रैल तक को दृष्टिगत रखते हुए किसानों को सभी आवश्यक निवेशों की उपलब्धता कराई है। सरकार ने सभी चीनी मिलों को निर्देश दिये कि वे इच्छित किसानों को उनकी सहमति के आधार पर ब्याजमुक्त ऋण पर गन्ना बीज, उर्वरक, कीटनाशक एवं अन्य निवेश उपलब्ध कराते हुए अधिक से अधिक किसानों के खेतों पर गन्ना बुआई कराये। चीनी मिलों द्वारा भी किसानों को गन्ना बुआई में सहयोग दिया गया। धनाभाव के कारण किसी गन्ना किसान की बुआई प्रभावित नहीं हुई है। सरकार ने लाॅकडाउन के दौरान भी गन्ना किसानों को आर्थिक समस्या नहीं आने दी। कोविड-19 के कारण लाॅकडाउन की अवधि में किसानों के हित में प्रदेश सरकार ने चीनी मिलों को चलाने का निर्णय लिया। इसके लिए सभी चीनी मिलों में मिल यार्डस तथा क्रय केन्द्रों पर पानी की व्यवस्था कर साबुन तथा सेनिटाइजर रखे गये एवं किसानों को सोशल डिस्टेंसिंग तथा हैंडवाश की जागरूकता लाते हुए विषम परिस्थिति में भी प्रदेश की 119 चीनी मिलों को संचालित रखा। प्रदेश के सभी गन्ना किसानों के गन्नों की पेराई की गई। 94 चीनी मिले समस्त गन्ना की पेराई कर बन्द हो गई। प्रदेश सरकार के इस निर्णय से सभी गन्ना किसानों के गन्ना, संबंधित चीनी मिलों द्वारा पेराई की गई, जिससे किसानों को आर्थिक लाभ हुआ। वर्तमान पेराई सत्र में लाॅकडाउन के बावजूद 11015.07 लाख कुन्तल से अधिक गन्ने की पेराई की गई, जो गत वर्ष से लगभग 772 लाख कुन्तल अधिक है। प्रदेश सरकार ने वर्तमान पेराई सत्र में अब तक 20 हजार करोड़ रुपये से अधिक गन्ना किसानों को गन्ना मूल्य का भुगतान कराते हुए लाभान्वित कराया है। वर्तमान सरकार के कार्यकाल में अब तक 99 हजार करोड़ रुपये गन्ना मूल्य का भुगतान किसानों को किया गया है। प्रदेश सरकार ने सहकारी चीनी मिलों में तकनीकी अपग्रेडेशन करते हुए औसत एक प्रतिशत चीनी परता में वृद्धि भी की है। कार्य क्षमता में सुधार के फलस्वरूप अतिरिक्त आय अर्जित होने का लाभ गन्ना मूल्य के त्वरित भुगतान के रूप में किसानों को प्राप्त हो रहा है।