विषय पर सप्त दिवसीय अन्तर्विषयक कार्यशाला के तीसरे दिन कार्यक्रम का हुआ सजीव प्रसारण
सुल्तानपुर (विनोद पाठक)। कमला नेहरू भौतिक एवं सामाजिक विज्ञान संस्थान, सुलतानपुर “रिसर्च एप्रोवेज,
एण्ड डिजिटल लर्निंग टूल्स विषय पर सप्त दिवसीय अन्तर्विषयक कार्यशाला के तीसरे दिन प्रातः 10 कार्यक्रम का सजीव प्रसारण हुआ। कार्यक्रम का संचालन डॉ राम नयन सिंह, कार्यक्रम सचिव ने विद्वान वक्ताओं एवम् प्रतिभागियों के स्वागत एवम् परिचय के साथ किया।कार्यशाला के प्रथम सत्र में प्रोफेसर ऎस के सिन्हा, डीन एकेडमिक अफेयर्स, चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ ने रिसर्च प्रक्रिया से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश भी डाला और प्रतिभागियों की समस्याओं का निवारण भी किया।अपने व्याख्यान में उन्होंने आंकड़ों का वर्गीकरण करते हुए क्वालिटेटिव, क्वांटिटेटिव, डिस्क्रीट एवम् cuntinous डाटा के बारे में विस्तार से चर्चा किया।आपने डाटा हैंडलिंग, डाटा कलेक्शन, डाटा प्रेजेंटेशन पर भी अपने विचारों को अभिव्यक्त किया।
कार्यशाला के दूसरे सत्र में मुख्य वक्ता के रूप में साहित्य के उदीयमान नक्षत्र , आदिवासी पत्रिका के संपादक डॉ गंगा सहाय मीना एसोसिएट प्रोफसर, सेंटर ऑफ इंडियन लैंग्वेज, जे एन यू, न्यू दिल्ली,ने लरनिंग एवम् रिसर्च विषय पर अपना महत्वपूर्ण व्याख्यान दिया।जिसमें उन्होंने पारंपरिक कक्षाओं की खूबियों एवम् खामियों, ऑनलाइन कक्षाओं की सीमाओं एवम् अच्छाइयों के बारे में बताया। आपने बताया कि समय की मांग के हिसाब से आधुनिक , बुनियादी, नवीनतम टेक्नीक का इस्तेमाल हर व्यक्ति को करना चाहिए साथ ही ऑनलाइन सामग्री के संकलन के सरकारी एवम् गैर सरकारी संगठनों के प्रयास जैसे हिंदी समय, गद्द कोश पोर्टल, कविता कोश पोर्टल, स्वयं, ई- पी जी पाठशाला, मोक्ष, शोध गंगा जैसे विषय पर गहराई से व्याख्यान दिया। दूसरे सत्र का संचालन डॉ आर एन सिंह द्वारा किया गया।
मध्यान्ह विराम के पश्चात प्रोफेसर एस के चतुर्वेदी , ग्रामोदय विश्वविद्यालय चित्रकूट ने रिसर्च में जी आयी एस डिजिटल टूल्स की महत्ता एवम् प्रयोग पर प्रकाश डाला।
श्री विवेक श्रीवास्तव , के एन आई इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी केंद्र ने मेडले सॉफ्टवेयर के बारे में प्रतिभागियों को जानकारी प्रदान की जो कि शोध संदर्भ की जानकारी एवम् प्लैग्रैसम को चेक आउट करने के लिए बहुत जरूरी है। प्रतिभागियों को व्याख्यान पर आधारित वस्तुनिष्ठ प्रकार के प्रश्न दिए गए जिन्हें शाम को हल करते हुए सबमिट करना अनिवार्य है।
द्वितीय दिवस के अंत में डॉ विजय प्रताप सिंह, संयोजक कार्यशाला ने रिसोर्स पर्सन और प्रतिभागीयों का धन्यवाद् ज्ञापन किया। कार्यशाला में सक्रिय रूप से उपप्राचार्य डॉ सुशील कुमार सिंह, डॉ के डी सिंह, डॉ ऐ के सिंह, डॉ आर के पांडेय, डॉ किरन सिंह, डॉ सुनील प्रताप सिंह, डॉ बिहारी सिंह, डॉ प्रवीण कुमार सिंह, डॉ प्रतिमा सिंह , डॉ वीरेंद्र श्रीवास्तव, डॉ अवधेश दुबे के साथ श्री संजय पांडेय व दीप बरनवाल उपस्थित थे।