Sultanpur

पूर्व कैबिनेट मंत्री जयनारायण तिवारी भाजपा में हुए शामिल, बोले विपक्ष का नाम नही रहेगा

लखनऊ।पूर्व कैबिनेट मंत्री जयनारायण तिवारी ने भाजपा कार्यालय लखनऊ में भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ली , सदस्यता दिलाने में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा, लक्ष्मी कांत बाजपेई, दयाशंकर सिंह रहे। और पत्रकार वार्ता में कहा की सुल्तानपुर में विपक्ष का नाम नहीं रहेगा केवल भाजपा ही रहेंगे।विपक्ष का सुफड़ा साफ है।भारतीय जनता पार्टी ने समाजवादी पार्टी कुनबा बढ़ाओ अभियान में सेंध लगा दी हैं। उत्तर प्रदेश में 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव के लेकर बेहद गंभीर भारतीय जनता पार्टी विभिन्न दल से आने वाले नेता तथा लोगों को पार्टी की सदस्यता दिला रही है।भाजपा राज्य मुख्यालय में रविवार को समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी तथा कांग्रेस के नेताओं के साथ ही समाजसेवी रविवार को भाजपा में शामिल हुए। प्रदेश के विभिन्न दलों के नेताओं को पार्टी प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह के साथ उपमुख्यमंत्री डा. दिनेश शर्मा और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डा. लक्ष्मीकांत बाजपेयी ने भाजपा की सदस्यता दिलाई। इस अवसर पर स्वतंत्र देव सिंह पार्टी में शामिल होने वाले सभी सदस्यों से कहा कि मैं आप लोगों का हार्दिक अभिनंदन करता हूं। आप लोगों को बताना चाहता हूं कि भाजपा मात्र एक दल है जिसके नेता तपस्वी हैं। जो मानते हैं सत्ता देश के लिए हैं, गरीब के लिए है और जनता की सेवा के लिए हैं, और पिछड़े, दलित और सभी के विकास के लिए है।सपा में शामिल रहे सुलतानपुर से पूर्व कैबिनेट मंत्री  जय नारायण तिवारी के साथ ही अखिलेश यादव सरकार में मंत्री रहे गाजीपुर से समाजवादी पार्टी के विधायक विजय मिश्रा भाजपा में शामिल हो गए।

बसपा नेता कानपुर के बिल्हौर के मनोज दिवाकर, कानपुर देहात के जगदेव कुरील, उन्नाव के धर्मेन्द्र पाण्डेय तथा अजितमल औरैया के मदन गौतम भी भाजपा में शामिल हो गए।

कांग्रेस नेता प्रतापगढ़ के राम शिरोमणि शुक्ला, अयोध्या के बीकापुर राज परिवार के कुंवर अभिमन्यु प्रताप सिंह तथा आइएएस की सेवा से वीआरएस लेने वाले अशोक कुमार सिंह भी भाजपा में शामिल हो गए।

लखीमपुर खीरी निवासी समाजसेवी अखिलेश वर्मा ने भी भाजपा की सदस्यता ली है। बी फार्मा के बाद एमबीए की डिग्री लेने वाले अखिलेश वर्मा चिकित्सा शिक्षा से जुडऩे के साथ ही मेडिकल सुविधा देने वाले लेसांते ग्रुप तथा ओजस धर्मार्थ न्यास के भी संस्थापक हैं।

 

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