LUCKNOW

पत्रकार को ठाकुरगंज अस्पताल में पीटने का आरोप !

पीड़ित पत्रकार की मानें तो रिपोर्टिंग के दौरान वीडियो बनाने पर उस पर हुआ हमला
-संबंधित चिकित्सक का कहना, मारपीट में उनकी कोई भूमिका नहीं
लखनऊ। राजधानी के चौपटिया क्षेत्र स्थित सीएचसी ठाकुरगंज टीबी अस्पताल से जुड़ा एक गंभीर मामला बीते दो दिनों से काफी चर्चा में है। जानकारी के तहत एक स्वतंत्र पत्रकार सरकारी अस्पताल में मरीजों की देखरेख व्यवस्था से जुड़े मामले को लेकर जब एक महिला मरीज का बयान लेते हुए वीडियो बना रहा था तो परिसर में ही उस पर कुछ लोगों ने हमला बोल दिया जिसके बाद वो किसी तरह जान बचाकर स्थानीय ठाकुरगंज थाना पहुंचा और वहां पुलिस टीम को अपनी आपबीती सुनायी। जबकि इस प्रकरण से जुडेÞ संबंधित चिकित्सक की मानें तो पत्रकार के साथ मारपीट में उनकी कोई भूमिका नहीं है, और वो रूटीन में अपने मरीज देख रहे थे।
वहीं पीड़ित पत्रकार के मुताबिक वो उक्त सीएचसी अस्पताल में मरीजों को ओपीडी में देखे जाने और वहां की अन्य स्वास्थ्य सेवाओं और व्यवस्थाओं को लेकर अपना रिपोर्टिंग का कार्य करने वहां गया था। इसी दौरान एक महिला मरीज वहां पर मिली जिसके अनुसार अस्पताल में तैनात मनोचिकित्सक डॉ. लवकुश वर्मा ने उसे नहीं अटेंड किया और पर्चा फेंक दिया जबकि उसे बुखार था। बस, इसी मौके पर अमुक पत्रकार वहां मौजूद था और उक्त महिला मरीज का बयान लेते हुए वीडियो बनाने लगा ताकि वो जमीनी साक्ष्य जुटा सके। पत्रकार की मानें तो इतने में अमुक डॉक्टर अपने शीशे वाले केबिन से बाहर आयें और उसका मोबाइल छीनने लगे। जिसके बाद माहौल गरमा गया और इसके बाद उस पर कई लोग मिलकर टूट पड़े और उसकी पिटाई करने लगे। उसकी मानें तो वहां पर खड़े अन्य महिला व मरीजों ने जब उसके चिल्लाने की आवाज सुनी तो बीच-बचाव करने लगे। पत्रकार का कहना है कि इसके बाद वो जैसे-तैसे करके अपनी जान बचाकर सीधे अपनी गुहार लेकर नजदीकी ठाकुरगंज थाना पहुंचा। उसके अनुसार उसने वहां के प्रभारी निरीक्षक और पुलिस टीम को पूरी आपबीती सुनायी। प्रभारी निरीक्षक ने विगत गुरूवार सुबह हुए इस प्रकरण की छानबीन के मद्देनजर पुलिस टीम के साथ अस्पताल परिसर का मुआयना किया जहां घटनाक्रम हुआ था। एसएचओ का कहना है कि जहां पर उक्त मारपीट वाली घटना हुई, वहां अस्पताल में जहां भी सीसीटीवी कैमरा लगा है, उसकी फुटेज निकलवायी जायेगी और फिर अग्रिम कार्रवाई की जायेगी। जबकि पत्रकार की मानें तो उसके पास कुछ ऐसे भी मौके के साक्ष्य हैं जिसमें कुछ मरीजों ने यह भी कहा है कि वो उनका कोई तीमारदार नही हैं।
क्या बोले जिम्मेदार-:
इस प्रकरण पर डीजी हेल्थ डॉ. लिली सिंह का कहना है कि ठाकुरगंज अस्पताल में जो भी घटनाक्रम हुआ, उससे संबंधित दोनों पक्षों की पूरी जांच करायी जायेगी और फिर आगे कोई निर्णय लिया जायेगी।
-अस्पताल परिसर में हुए इस घटनाक्रम पर वहां के सीएमएस डॉ. आनंद बोध के अनुसार उक्त घटना के चलते मरीजों को अटेंड करने की समस्या हुई

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