निंदक नियरे राखिए,आंगन कुटी छवाय, निंदा ही सफलता की पहली सीढ़ी:जिलाध्यक्ष
गुटबाजी खत्म करने के लिए बनाया गया जिलाध्यक्ष:सुशील त्रिपाठी

निंदक नियरे राखिए,आंगन कुटी छवाय
निंदा ही सफलता की पहली सीढ़ी:जिलाध्यक्ष
गुटबाजी खत्म करने के लिए बनाया गया जिलाध्यक्ष:सुशील त्रिपाठी
इसौली सहित पांचों सीट जीतेगी भाजपा
निर्वाण टाइम्स के संवाददाता से रूबरू हुए भाजपा के नए जिलाध्यक्ष सुशील त्रिपाठी
सुलतानपुर(विनोद पाठक)। निंदा ही सफलता की पहली सीढ़ी ही नही,बल्कि कुंजी भी है, उसे किस चुनौती के रुप मे हम लेते हैं, उस पर ही निर्भर करता है। शब्द नही, भाव नही देखना चाहिए, संत कबीर दास जी ने सही कहा कि “निंदक नियरे राखिए,आंगन कुटी छवाय,बिन पानी साबुन बिना,निर्मल करे सुभाव”। अर्थात बिना विरोध के किसी व्यक्ति या नेता में प्रतिभा का निखर नही आता है। ऐसे व्यक्तियों को उच्च स्थान पर बैठाना चाहिए। उसी का नतीजा है कि यह मुकाम हासिल हुआ है। ऐसा ही एक वाक्या भाजपा के नए चुने गए मुखिया के साथ पूर्व में हुआ है, उसे वे विरोध के रूप में नही,बल्कि एक चुनौती के रूप में स्वीकार किया और आज पार्टी के जिलाध्यक्ष बन गए। जब से नए पद पर आसीन हुए हैं, स्वागत का सिलसिला बदस्तूर जारी है। चाहे कार्यकर्ता या फिर बड़ा नेता माला-गुलदस्ता लिए खड़ा है, स्वागत कर बधाई दे रहा है। साथ ही शीर्ष नेतृत्व के निर्णय को सराहा है। सो नेता जी भी पार्टी को हर स्तर पर मजबूत करने का कसीदा पढ़ रहे हैं। बकायदे बयां कर रहे हैं कि बदला नही बदलाव के जरिये पार्टी में निखार ला कर इसौली समेत पांचों सीट भाजपा की झोली में कार्यकर्ताओं की मेहनत से डाली जाएगी। यह कहना है भाजपा के नए जिलाध्यक्ष सुशील त्रिपाठी के। दागे गए सवाल पर वेबाक़ी से जवाब भी। जिलाध्यक्ष बहुत ही ठोस तरीके से देते हैं कि गुटबाजी को खत्म करने के लिए ही शीर्ष नेतृत्व ने उन्हें नई जिम्मेदारी दी है। इसौली से ही नही जिले से गुटबाजी को खत्म कर नया इतिहास लिखा जाएगा। इसकी शुरुआत पार्टी ने कर दी है। अब हम सब कार्यकर्ता-पदाधिकारी मिल कर आने वाले समय मे पंचायत चुनाव में नया गुल खिलाएंगे। पुरानी पुनरावृत्ति नही होगी। किसी के दबाव में कोई निर्णय नही लिया जाएगा। जिससे कि पार्टी को बट्टा लगे। जो भी निर्णय लिया जाएगा,वह पार्टी और कार्यकर्ता हित में रहेगा। जिससे पार्टी को नई “संजीवनी” मिले। इसके लिए बूथ स्तर पर वर्क किया जाएगा। साथ ही बूथ से लेकर जिले तक का हर समीकरण का डाटा होगा। जब हर हरबा-हथियार से पार्टी लैस होगी तो सफलता खुद कदम चूमेगी। ऐसा मेरा अर्थात जिलाध्यक्ष का मानना है। जब उनको याद दिलाया गया कि “पार्टी में लगती है आग,खुद के चिराग से”। तब तपाक से बोल पड़ते हैं कि ऐसों पर नकेल लगाने का मैं माहिर हूँ। इसकी चिंता छोड़िए खबर नबीस साहब। अब सब अच्छा ही होगा। कार्यकर्ताओं का सम्मान सर्वोच्च रहेगा। जब सम्मान मिलेगा तो यही कार्यकर्ता दुगनी ताकत के साथ मेहनत-संघर्ष कर के इतिहास रचेगा। अध्यक्ष के साथ पूर्व में घटित एक घटना के बावत जब प्रश्न किया गया तो नए मुखिया ने बयां किया कि विरोध मजबूत नेता का ही होता है। ऐसे नेता की जितनी क्षमता थी,सो उसने किया। पर, उन्हें भी हम सम्मान देकर साथ लेकर चलेंगे। मतलब की बिच्छू का काम है डंक मारना और मानव का स्वभाव है बचाना। ऐसे तमाम मुद्दों पर भाजपा के नए जिलाध्यक्ष सुशील त्रिपाठी से बातचीत हुई,हर सवाल का जवाब अलग अंदाज में बड़ी ही सरलता से दिया। जितनी देर उनके आवास पर रहा। बधाई देने वालों का तांता लगा रहा। मानो कि पूरी की पूरी भाजपा ही स्वागत करने और बधाई देने के लिए चली आ रही है। नए जिलाध्यक्ष जी को एक तीस रही उसे उन्होंने खुद बताया कि चार जन स्वागत करने नही आए, पर,मैं खुद जाकर उन्हें सम्मान देने का काम किया हूँ, मैंने कुरेदा बहुत पर नाम बताने से हाथ खड़ा कर लिया।खैर छोड़िए! हर बड़ा अनुभभी नेता नए जिलाध्यक्ष का तारीफ करने में मशगूल दिख रहा है। फिलहाल सुशील त्रिपाठी के जिलाध्यक्ष बनने से पूरे भाजपा में ही नही कार्यकर्तों में एक नया उत्साह देखने को मिल रहा है। बड़े ही सरल तरीके से मिल अध्यक्ष ने कार्यकर्तों में ऊर्जा का संचार कर “चार्ज” भी कर रहे हैं। जिलाध्यक्ष के इस कार्यशीली से कार्यकर्ता “आत्मबल से लबरेज” हो कर वापस हो रहे हैं, जो आने वाले समय मे पार्टी के लिए मील का पत्थर साबित होगा। सुलतानपुर-अमेठी के शानदार विधान परिषद सदस्य शैलेन्द्र प्रताप सिंह ने भी नए जिलाध्यक्ष सुशील त्रिपाठी को बुकें देकर स्वागत किया और शीर्ष नेतृत्व के निर्णय को सराहा है।