अतीक अहमद की हत्या करने वाले आरोपियों का कबूलनामा
प्रयागराज।माफिया अतीक का पाकिस्तान से संबंध था। उसने और उसके गैंग में शामिल सदस्यों ने तमाम निर्दोष लोगों का कत्ल किया था। अतीक जमीन हड़पने के लिए हत्या करता था और विरोध में गवाही देने वालों को भी नहीं छोड़ता था। उसका भाई अशरफ भी ऐसा करता था, इसलिए हमने दोनों को मार डाला।’ काल्विन अस्पताल में दोनों भाईयों की हत्या करने के आरोपितों ने पुलिस के सामने ऐसा ही बयान दिया है।
तीनों आरोपी पहले भी जा चुके हैं जेल
तीनों अलग-अलग मामलों में पहले जेल जा चुके हैं। पुलिस यह भी पता लगा रही है कि आरोपित कब और कैसे प्रयागराज आए थे। उनका स्थानीय मददगार कौन-कौन हैं। बताया गया है कि लवलेश तिवारी बांदा, सनी पुराने हमीरपुर और अरुण मौर्या कासगंज का रहने वाला है।
पुलिस घटनास्थल और आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों को भी खंगाल रही है। यह भी पता लगाया जा रहा है कि कैमरा और आइडी लेकर आरोपित कब और कैसे अस्पताल में दाखिल हुए थे। मौके पर एक बाइक भी गिरी पड़ी थी, जिसे आरोपितों की बताई जा रही है।
पहले तीनों ने दिए अलग-अलग बयान
अभियुक्तों से शुरुआती पूछताछ में पता चला है कि तीनों अलग-अलग मामले में जेल जा चुके हैं। अधिकारियों ने जब उनसे सवाल किए तो पहले अलग-अलग बयान दिए मगर कड़ाई से पूछताछ में हत्या की कहानी बयां कर दी। कहा कि माफिया अतीक का न केवल पाकिस्तान और उसकी खूफिया एजेंसी आइएसआइ से संबंध था। आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से भी कनेक्शन सामने आया था। अतीक गैंग के लोग लगातार लोगों को परेशान कर रहे और हत्या भी करते थे। इसकी वजह से लोग खौफजदा थे।
पुलिस हमलावरों को काबू करती रही और अतीक तड़पता रहा
काल्विन अस्पताल परिसर में पहुंचे माफिया अतीक और असरफ पर मीडियाकर्मी बनकर पहुंचे युवकों के ताबड़ताेड़ गोली बरसाने के बाद पुलिसकर्मी हमलावरों को दबोचने में जुट गए। इस दौरान अस्पताल परिसर में अतीक और अशरफ तड़पते रहे। सभी का ध्यान हमलावरों की ओर था, जब तक उन्हें काबू किया जाता और लोग लौटकर आते। तब तक दोनों की मौत हो चुकी थी। सिर में गोली लगने के बाद भी अतीक काफी देर तक जमीन पर पड़ा तड़पता रहा। हालांकि अशरफ का शरीर पहले ही शांत हो चुका था। कुछ ही देर में पुलिस ने घटनास्थल को घेर लिया। कई थानों की फोर्स मौके पर पहुंच गई।
माफिया के वकील विजय मिश्र ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि घटना मेरे सामने हुई है। अतीक व अशरफ को मेडिकल चेकअप के लिए मोतीलाल नेहरू मंडलीय चिकित्सालय लाया गया था। पुलिस की गाड़ी से उतर कर दस कदम चले थे कि उनके ऊपर हमला कर दिया गया। दोनों को बहुत करीब से गोली मारी गई।