जिला स्वास्थ्य समिति की समीक्षा बैठक गांधी सभागार में संपन्न

योजनाओं में प्रगति न होने के कारण दी गई प्रतिकूल प्रविष्टि और समस्त एमओआईसी के कार्य क्षेत्र में परिवर्तन व झोलाछाप डॉक्टरों पर कार्रवाई करने के निर्देश

पीलीभीत(ब्यूरो)।जिलाधिकारी पुलकित खरे की अध्यक्षता में जिला स्वास्थ्य समिति की समीक्षा बैठक गांधी सभागार में सम्पन्न हुई। उन्होंने मुख्य विकास अधिकारी को निर्देशित किया कि समस्त एमओआईसी के कार्य क्षेत्र में परिवर्तन किया जाये। जिसमें अमरिया एमओआईसी को बरखेडा, बरखेडा को अमरिया, बीसलपुर को बिलसण्डा, बिलसण्डा को बीसलपुर, मरौरी को पूरनपुर, माधौटांडा को न्यूरिया स्थानान्तरित किया गया। पूरनपुर एमओआईसी को हटाते हुये उनके स्थान पर अन्य को तैनाती देने हेतु मुख्य चिकित्साधिकारी को निर्देशित किया गया। इसके साथ ही साथ समस्त एमओआईसी को निर्देशित करते हुये कहा कि समस्त स्वास्थ्य केन्द्रों तीमरदारों एवं मरीजों के बैठने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाये और साथ ही परिसर की साफ सफाई व्यवस्था पर विशेष ध्यान दिया जाये। उन्होंने मुख्य चिकित्साधिकारी को झोलाछाप डॉक्टरों के प्रति कार्यवाही करने हेतु निेर्देशित करते हुये कहा कि समस्त एमओआईसी अपने क्षेत्र में अवैध क्लीनिको के विरूद्व एफआईआर दर्ज करायें। संस्थागत प्रसव के सम्बन्ध में मुख्य चिकित्साधिकारी को निर्देशित करते हुये कहा कि पूर्व बैठक प्रत्येक ब्लाक में सब सेन्टर एवं पीएससी पर डिलावरी की व्यवस्था कराई है। उन सेन्टरों अबतक प्रसव करायें गये लाभार्थियों की सूची उपलब्ध कराई जाये, जिससे उनका सत्यापन अन्य विभागों से कराया जायेगा।
बैठक में विभिन्न योजनाओं की समीक्षा के दौरान डॉ0 कमलेश चन्द्र के द्वारा पुरूष नसबन्दी में कोई प्रगति न होने के कारण वेतन रोकने के निर्देश दिये गये। इसके साथ ही अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ0 अश्वनी कुमार के द्वारा नोडल के रूप में आईडीएसपी एवं संचारी रोग वित्तीय प्रगति न किये जाने के कारण उनके विरूद्व कार्यवाही करने हेतु निर्देशित किया गया। अपर मुख्य चिकित्साधिकारी हरिदत्त द्वारा तम्बाकू निषेध कार्यक्रम में वित्तीय प्रगति न होने के कारण प्रतिकूल प्रविष्टि देने हेतु निर्देशित किया गया। अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डा0 रमेश चन्द्रा द्वारा बिना किसी सूचना के कई महीनों से अनुपस्थित होने के कारण उनकी सेवाऐं समाप्त करने हेतु शासन को पत्र प्रेषित करने हेतु मुख्य चिकित्साधिकारी को निर्देशित किया गया।