ईडी के संयुक्त निदेशक राजेश्वर सिंह का वीआरएस स्वीकृत, भाजपा में होंगे शामिल, लखनऊ या सुलतानपुर से चुनावी मैदान में ठोंकेगे ताल
लखनऊ(निर्वाण टाइम्स)।उत्तर प्रदेश में नाैकरी छोड़कर राजनीति की राह पर कदम बढ़ाने वाले अधिकारियों की सूची में राजेश्वर सिंह का नाम भी जुड़ गया है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) लखनऊ के संयुक्त निदेशक राजेश्वर सिंह ने सोमवार को अपना वीआरएस (स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना) आवेदन स्वीकृत होने के बाद ट्वीट कर इसकी घोषणा भी कर दी। लिखा है कि अब मैं राजनीति के क्षेत्र में पदार्पण करना चाहता हूं। लगभग 24 वर्षों की सरकारी सेवा कर चुके राजेश्वर सिंह का अभी 11 वर्ष का सेवाकाल शेष था।
राजेश्वर सिंह लखनऊ की सरोजनीनगर सीट या फिर गृह जिले सुलतानपुर से भाजपा प्रत्याशी बनाए जा सकते हैं। माना जा रहा है कि राजेश्वर सिंह मंगलवार को भाजपा की सदस्यता ग्रहण करेंगे। आइजी रेंज, लखनऊ लक्ष्मी सिंह उनकी पत्नी हैं। इससे पूर्व आइपीएस अधिकारी असीम अरुण वीआरएस लेकर अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत कर चुके हैं। वह कन्नौज की सदर सीट से भाजपा के प्रत्याशी हैं।प्रांतीय पुलिस सेवा (पीपीएस) के 1994 बैच के अधिकारी राजेश्वर सिंह लखनऊ में सीओ गोमतीनगर व सीओ महानगर के पद पर तैनात रहे। प्रयागराज में भी अहम पदों पर जिम्मेदारी संभाली। राजेश्वर वर्ष 2009 में प्रतिनियुक्ति पर ईडी में गए थे और बाद में उन्हें ईडी में समायोजित कर लिया गया था। लगभग 10 वर्ष उत्तर प्रदेश पुलिस में और 14 वर्ष ईडी में अपनी सेवाएं देने के बाद अब वह नौकरी छोड़कर दूसरी पारी की शुरुआत करने जा रहे हैं। तेजतर्रार अधिकारियों में गिने जाने वाले राजेश्वर सिंह को ईडी के दिल्ली मुख्यालय की कुछ अहम जांचों का जिम्मा सौंपा गया था। जिनमें टूजी घोटाला, जगन रेड्डी केस, कामनवेल्थ गेम घोटाला, अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकाप्टर डील केस व अन्य प्रमुख मामले शामिल हैं।ईडी लखनऊ की कमान संभालने के बाद राजेश्वर सिंह के नेतृत्व में पोंजी स्कीम के कई बड़े घोटालों में कार्रवाई हुई। गोमती रिवरफ्रंट घोटाला, स्मारक घोटाला, खनन घोटाला व बाइक बोट घोटाला में भी उन्हाेंने जांच शुरू कराई। माफिया मुख्तार अंसारी व अतीक अहमद के विरुद्ध भी मनी लांड्रिंग का केस दर्ज कर जांच शुरू कराने में भी राजेश्वर की अहम भूमिका रही। राजेश्वर सिंह को वीरता के लिए राष्ट्रपति का पुलिस पदक भी मिल चुका है। राजेश्वर ने सोमवार को अपना एक पत्र ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने वीआरएस स्वीकृत होने की जानकारी साझा की। लिखा कि 24 वर्षों का अथक परिश्रम और कर्तव्यनिष्ठा का अनवरत चलता कारवां आज एक पड़ाव पर रुका है।
पिता थे सेवानिवृत्त आइपीएस अधिकारी : राजेश्वर सिंह के पिता स्वर्गीय रण बहादुर सिंह सेवानिवृत्त आइपीएस अधिकारी थे। राजेश्वर ने बीटेक व एलएलबी करने के बाद हृयूमन राइट विषय में पीएचडी की थी। उनके भाई रामेश्वर सिंह इनकम टैक्स कमिश्नर हैं। एक बहन मीनाक्षी आइआरएस अधिकारी हैं और उनके बहनोई राजीव कृष्ण एडीजी जोन आगरा हैं। राजेश्वर सिंह की बड़ी बहन आभा सिंह सुप्रीम कोर्ट की वकील हैं। आभा सिंह इंडियन पोस्टल सर्विस में थीं आैर उनके पति वाइपी सिंह महाराष्ट्र कैडर के पूर्व आइपीएस अधिकारी हैं।