अभिमान दमन की लीला है गोवर्धन लीला – मनोज शास्त्री
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नाहरपुर/गोरखपुर। गोरखपुर की धरती नाहरपुर ग्राम में आयोजित भागवत कथा के पंचम दिवस में बदरीनाथ से आए हुए कथावाचक आचार्य मनोज चमोली जी महाराज ने भगवान कृष्ण की बाल लीलाओं का व्याख्यान करते हुए श्रोताओं से निवेदन किया कि भगवान मैं जिस ब्रज की भूमि में अवतार लिया उसे भूमि की महातम में को बढ़ाने के लिए हमारे प्रभु ने ब्रजरज को अपने मुख्य में डालकर मां यशोदा को संपूर्ण ब्रह्मांड का दर्शन करवाएं ब्रज की महिमा को और ब्रज की माटी की महिमा को गौरव दिया मां यशोदा और नंद बाबा पूर्व जन्म के द्रोण और धरा नाम के वसु थे पूर्व जन्म में भगवान की खूब तपस्या की जिसके कारण भगवान का वात्सल्य रूपी प्रेम दोनों को प्राप्त हुआ पूज्य आचार्य जी ने कहा कि इस जन्म का भजन यदि इस जन्म में काम न आया तो अगले जन्म में अवश्य काम आएगा संसार के भोजन यही छूट जाते हैं पर भगवान का भजन हमेशा जीव के साथ साथ चलता है इसलिए जैसे जीवन में भोजन करना नींद लेना धन कमाना परिवार का विस्तार करना जरूरी है उससे कई ज्यादा जरूरी भगवान का भजन है अंत में गोवर्धन लीला का वर्णन करते हुए व्यास जी ने कहा कि कलिकाल में भगवान का साक्षात स्वरूप है श्री गोवर्धन नाथ प्रभु आज भी भगवान की 21 किलोमीटर की परिक्रमा भगवान के भक्त बड़े भाव के साथ में पैदल ही पूरी करते हैं कथा के माध्यम से श्रोताओं को व्यास जी ने मानसिक ब्रज यात्रा का सुख भी प्रदान किया इस अवसर पर ऋषिकेश से पधारे आचार्य श्री जगमोहन मिश्र जी के सानिध्य में पंच कुंडीय लक्ष्मी नारायण महायज्ञ मैं भी हर्षोल्लास के साथ ग्राम वासियों ने भाग लिया इस आयोजन के मुख्य यजमान राज्यमंत्री संतराज यादव जी, आचार्य श्री मनमोहन मिश्रा जी, गीताराम चमोली जी, शंभू उपाध्याय जी,मनोज घनशाला ,आचार्य श्री कृष्णानंद मुंडिया, हिमांशु जी,गोविंद शर्मा जी आचार्य वेद प्रकाश जी मौजूद रहे।