महाआरती में श्रद्धा/अस्था के बीच हुआ शिव भक्त का अद्भुद संगम, मां की आंचल के बीचधार में नाव पर दिखे भोलेनाथ

आदि गंगा मां गोमती की आरती में उमड़ा श्रद्धा का सैलाब
आकर्षण का केंद्र बिंदु था शिव तांडव नृत्य
सुलतानपुर(विनोद पाठक)। सीताकुंड धाम पर महाआरती में श्रद्धा,आस्था के बीच शिव, भक्त का अद्भुद संगम दिखा,अचानक।ऐसा लगा कि आदि गंगा मां गोमती आरती की झलक पाने के लिए सावन में कैलाश पर्वत से सीधे मां की आंचल के बीचधार में नाव पर भोलेनाथ विराजमान। दृश्य/परिदृश्य देखने से लगा कि “देखत बनत बतावती नाय”। अर्थात भाव और भक्ति के मध्य जो दिखा,उस पर एक चौपाई बरबस याद आ गई कि “शंकर जगत बंधु जगदीश, सुर नर मुनि सब नावहिं शीशा”। श्रद्धा के संगम में डुबकी लगाने हजारों की संख्या में पहुंचे श्रद्धालुओं ने अपने शीश नवाके अभिनंदन,वंदन के साथ आरती की। महाआरती को दिव्य मान,प्रकाशवान बनाने की बेहतरीन कोशिश की गई थी,अब तक की यह आरती अपने आप में लग दिखी। शिव तांडव नृत्य खूब सराहा गया।
ढेड़ दशक पहले और अबके सीताकुंड धाम में बड़ा बदलाव आ गया है। श्रद्धा और आस्था के इस धाम पर अराजकतत्वों का जमावड़ा लगता था। कुछ सनातन पर्व छोड़कर यहां पर लोग आना पसंद नहीं करते थे।पर,ईश्वरी प्रेरणा से अधिवक्ता रुद्र प्रताप सिंह मदन ने एक सामाजिक संस्था बनाई। नाम दिया गोमती मित्र मंडल कुशभवनपुर। बीड़ा उठाया आदि गंगा मां गोमती के घाट सीता कुंड को स्वच्छ,सुंदर बनाने का। वे भी अकेले चल पड़े। फिर क्या धीरे धीरे कारवां पीछे चल पड़ा कि “मैं तो अकेला चला था जानिबे मंजिल मगर,लोग आते गए और कारवां बनता गया”। इस मुकाम पर पहुंचने के लिए बहुत संघर्ष किया गया। ईश्वरीय प्रेरणा से सफाई के साथ मां गोमती माता जी की महाआरती की शुरुआत की गई। माहौल ऐसा दिया गया कि नगर वासियों के साथ नवयुवक और नवयुवतियां,महिलाएं,पुरुष घाट पर आनंद लेने आने लगे तो गोमती मित्र मंडल ने अपने चश्मे से निगरानी करने के लिए सियासी घोड़े भी लगाएं हैं कि विश्वास और भरोसा कायम रहे। जब माहौल अच्छा मिला तो जिस घाट पर लोग आना पसंद नहीं करते थे, श्रद्धालुओं की आमद अपने आप बढ़ गई है। सामान्य दिनों में सीताकुंड धाम पर भीड़ तो रहती ही है,पर रविवार को होने वाली महाआरती के समय आश्चर्य चकित करने वाली भीड़ एक साथ आती है। आरती के बाद प्रसाद चखी और छूमंतर हो जाती है। फिर घाट सुना साना हो जाता है। बीते रविवार को महाआरती का दृश्य कुछ अलग गोमती नदी के बीच धार में अचानक आरती के समय भोले नाथ का प्रगट होना,ऐसा लगा कि एकदम सजीव। शंख नाद के बीच खूब भोले बाबा का जय कारा लगा,आरती हुई,प्रसाद वितरण हुआ। काल्पनिक शिव तांडव का नृत्य श्रद्धालुओं को खूब भाया। देखे ही देखते आस्था के संगम में डूबे श्रद्धालु गायब हो गए। इसी दौरान जूडो कराटे के खिलाड़ियों को जिले के चर्चित चिकित्सक एवं संस्था के संरक्षक डॉ सुधाकर सिंह, संस्था अध्यक्ष अधिवक्ता रुद्र प्रताप सिंह,वरिष्ठ पत्रकार राकेश उपाध्याय,शानदार संचालक राजेंद्र शर्मा पप्पू,राकेश सिंह दद्दू,दिनकर सिंह,सुजीत कसौधन ने सम्मानित किया। खिलाड़ियों का अभिवादन भी अनोखे अंदाज में रहा,जो खूब सराहा गया।