Sultanpur

इसौली का निर्विवाद “विकास”क्षेत्र में बढ़ रहा आगे!

सरल तरीके से चल रही "विकास" की रफ्तार

 

सरल तरीके से चल रही “विकास” की रफ्तार

विकास की “चाल” से एक-दो छोड़ अन्य गए हैं उलझ

 

सुलतानपुर(विनोद पाठक)। इसौली का “विकास” निर्विवाद रूप से आगे बढ़ रहा है। बस समझ का फेर है। जो समझ रहे हैं, वे उलझे भी हैं। पर, विकास की रफ्तार कम नही हुई है, बल्कि बदस्तूर जारी है। वह भी सरल तरीके से। “विकास” आगे बढ़ कर नीचे से लेकर शीर्ष नेतृत्व तक मजबूती की पटकथा लिख चुके हैं और लिख भी रहे हैं। इसी से यहां के वाशिंदा सकते में हैं। इसी लिए पार्टी के अंदर “विकास” चर्चाएं आम बने हुए है।
बताते चलें कि इसौली में कुछ ही वक्त में “विकास” का खूब विकास हुआ है। वह भी बहुत ही सरल तरीके से। जिसके सबके सब कायल हैं कि सरलता ही इसौली में विकास की पहचान है, जो बन चुकी है, जो अपने-आप मे मिशाल भी। जिसकी दुहाई जागरूक नेता देते हैं, जिनको विकास की परख है, जिन्हें भरोसा और विश्वास है। वे विकास की मजबूती के खूब कसीदे पढते हैं। जिन्हें इसौली के विकास से डर है, वे तरह-तरह की बकवास में मशगूल भी रहते हैं। लेकिन विकास इसकी परवाह किए बगैर अपने इसौली के विकास में लगे हैं। जो औरों को हैरत में डाल दिया है। पर, काट ढूंढे नही मिल रही है। इसकी वजह भी एकदम साफ है कि इसौली का हो रहा “विकास” बिल्कुल सरल है और मजबूत भी और साधन संपन्न। मौका राजनीति में सब तलाशते हैं राजनीति में आगे बढ़ने का तो “विकास” भी पीछे नही। छोटी -छोटी रेखा मिटाने में नही बल्कि एक बड़ी रेखा खींचना चाहते हैं, जो विकास की इसौली में मिशाल बने। यही सपना इसौली के विकास की है, जो संजोए बैठे हैं। राजनीति में आगे बढ़ना चाहते हैं। अहंकार,घमण्ड से दूर इसौली के विकास सबके चहेते और दुलारे बन गए हैं। समय क्या गुल खिलायेगा? ये तो भविष्य के गर्भ में है। फिलहाल इसौली के विकास ने भी अलग अंदाज में जिले के मनोनीत नए मुखिया स्वागत किया है। स्वागत के दौरान दोनों नेताओं के चेहरे पर आई मुस्कान कुछ तो बयां कर रही है, जो अपने आप मे अलग है।

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