मेनका गांधी ने घनश्याम तिवारी हत्याकांड पर जताया दुःख, अस्वस्थ होने के कारण मैं नही पहुँच सकी, आम जनमानस से की अपील
प्रिय क्षेत्रवासियों,
पिछले साढ़े चार वर्षों से आपके सांसद के रूप में सुल्तानपुर संसदीय क्षेत्र के विकास ,कठिनाइयों के निदान और प्रत्येक जरूरतमंद की सेवा में उपस्थित रहने का मेरा प्रयास रहा है। इस अवधि में क्षेत्र के सभी गांवों,कस्बों और नगरीय क्षेत्रों में सघन जनसंपर्क और सीधे संवाद के माध्यम से मैंने यथासंभव समस्याओं के निस्तारण में सफलता प्राप्त की है। इन कार्यक्रमों में जनता की व्यापक उपस्थिति ने जहां मेरे प्रति लोगों के अगाध विश्वास को व्यक्त किया है , वहीं क्षेत्रवासियों की अपेक्षाओं के प्रति मुझे निरंतर अधिक सचेत और सक्रिय रखा है।
पिछले कुछ दिनों से मैं काफी अस्वस्थ चल रही हूं। बुखार और श्वांस की समस्या के साथ गले की खराबी के कारण मेरे लिए फिलहाल बोलना भी बहुत मुश्किल हो गया है। अस्वस्थता के दौरान ही सुल्तानपुर नगर में डॉक्टर घनश्याम तिवारी की निर्मम – निंदनीय हत्या की दुखदायी सूचना ने आप सभी की तरह मुझे भी मर्माहत कर दिया। अस्वस्थता के कारण मैं चाहकर भी सुल्तानपुर के लिए रवाना नहीं हो सकी। परंतु तत्काल ही मैंने अपने प्रतिनिधि रणजीत कुमार को स्वर्गीय डाक्टर तिवारी के परिजनों से मिलने को भेजा। आपके क्षेत्र की सांसद के नाते ही नहीं अपितु आप सभी के परिवार के एक सदस्य के तौर पर भी, मैं इस मौके पर डॉक्टर तिवारी के शोकाकुल परिवार के साथ पूरी क्षमता के साथ उपस्थित रहना चाहती थी। परंतु विवश हूं। फिर भी मैंने तत्काल ही शासन और जिले के अधिकारियों से सम्पर्क करके हत्यारों की गिरफ्तारी और पीड़ित परिवार को हर संभव सहायता दिलाने की मांग की है। आप सभी अवगत हों कि प्रदेश की सरकार उक्त घटना को लेकर अत्यंत ही गंभीर है। इस आलोक में स्थानीय प्रशासन, पुलिस प्रशासन को कठोरतम कार्यवाई हेतु निर्देशित किया गया है। आप सभी भरोसा रखें जल्द ही अपराधी को पकड़ने में पुलिस सक्षम होगी व कठोरतम कार्यवाई सुनिश्चित की जाएगी।
डॉक्टर तिवारी के परिवार की पीड़ा और शोक मेरा निजी दुख है। इस कलंकित घटना को अंजाम देने वाले अपराधी किसी भी कीमत पर बख्शे नहीं जाएंगे। यात्रा योग्य होते ही मैं सुल्तानपुर में डॉक्टर तिवारी के परिवार के बीच पहुंचूंगी और उन्हें न्याय दिलाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ूंगी । हर पीड़ित और जरूरतमंद के लिए बिना भेदभाव के मैं हमेशा उपलब्ध और संघर्षरत रही हूं और यह सिलसिला आगे भी जारी रहेगा।
इस जरूरी मौके पर मेरी अनुपस्थिति मेरी अस्वस्थता का परिणाम है। आपका बहुत प्रेम, सम्मान और विश्वास मुझे प्राप्त है। कृपया मेरी विवशता समझिएगा।
आपकी
मेनका संजय गांधी