जिला पंचायत अध्यक्ष के खिलाफ पीआईएल हाईकोर्ट ने किया खारिज
शिकायतकर्ता ने दोबारा दायर की थी याचिका,कोर्ट बोली-बहुमूल्य समय ना करें बर्बाद
सुल्तानपुर। जिला पंचायत अध्यक्ष ऊषा सिंह पीआईएल को हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने खारिज कर दिया है। कोर्ट के इस फैसले के बाद ऊषा सिंह के समर्थकों में खुशी की लहर दौड़ गई है। सुबोध तिवारी नाम के शिकायतकर्ता ने सजा के बाद भी जिला पंचायत अध्यक्ष ऊषा सिंह के पद पर बने रहने के मामले को लेकर हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी।बता दें कि बीते दिनों दीवानी न्यायालय की एमपी-एमएलए की विशेष कोर्ट ने धनपतगंज ब्लॉक मुख्यालय पर हुए बवाल से जुड़े मामले में जिला पंचायत अध्यक्ष ऊषा सिंह,उनके पति बल्दीराय ब्लॉक प्रमुख शिवकुमार सिंह, दूसरे पक्ष के पूर्व विधायक चंद्रभद्र सिंह सोनू और उनके छोटे भाई व धनपतगंज ब्लॉक प्रमुख यशभद्र सिंह मोनू को दो वर्ष की सजा व दो-दो हजार रुपये का जुर्माने का आदेश दिया था। बीते दो नवंबर को आए फैसले के बाद कुर्सी जाने की ऊहापोह के बीच मामला ठंडा पड़ गया था। हाल ही में शहर के विनोबापुरी निवासी सुबोध तिवारी ने सजा के बाद भी जिला पंचायत अध्यक्ष ऊषा सिंह के पद पर बने रहने के मामले को लेकर हाईकोर्ट में जनहित याचिका यानी पब्लिक इंट्रेस्ट लिटिगेशन (पीआईएल) जनहित याचिका दायर कर दी थी। जो की पूर्व में भी एक बार खारिज हो चुकी है। याचिका में याचिकाकर्ता ने अधिनियम का हवाला देते हुए कहा है कि सजा के बाद पद रिक्त हो जाना चाहिए। एक बार पुनः अब न्यायालय ने सुबोध तिवारी की याचिका खारिज कर दी है। सूत्रों के मुताबिक न्यायालय ने कहा है,कि याचिकाकर्ता को अपना पक्ष रखने का पर्याप्त अवसर दिया गया। बावजूद इसके विगत ऐसा प्रतीत होता है कि याचिकाकर्ता की रुचि याचिका को निस्तारित कराने में नहीं है। सिर्फ विपक्षी को परेशान करने की गरज से पत्रावली को न्यायालय में लंबित किए हुए हैं और न्यायालय का बहुमूल्य समय नष्ट कर रहे हैं।