शोक-संवेदना और आर्थिक राहत में “संतोष”

अपना दुख छोड़ ,दूसरों का दर्द बांटने पहुंचे पूर्व विधायक
धरियामऊ कांड पीड़ितों में बांटी डेढ़ लाख की सहायता, मदद का दिया भरोसा
सुलतानपुर(ब्यूरो)। राजनीति में संवेदनशीलता अक्सर सवालों के घेरे में रहती है, लेकिन पूर्व विधायक संतोष पाण्डेय ने बुधवार को ऐसा उदाहरण पेश किया जिसने सभी का दिल छू लिया। एक ओर जहां भदैया स्थित उनके आवास पर पिता राम चंद्र पाण्डेय के निधन पर पूरे प्रदेश से संवेदना व्यक्त करने लोगों का जमावड़ा लगा है, वहीं दूसरी ओर उन्होंने अपना निजी शोक किनारे रखकर दूसरों का दर्द बांटने का संकल्प दिखाया।
धरियामऊ गांव की उस घटना से हर कोई दहल उठा था, जिसमें मंगलवार को निर्माणाधीन मकान का स्लैब ढहने से तीन मजदूरों की मौत हो गई और कई घायल हो गए। हादसे के दूसरे ही दिन संतोष पाण्डेय पीड़ित परिवारों के बीच पहुंचे। उन्होंने मृतकों के परिजनों को पचास–पचास हजार रुपये की आर्थिक मदद पहुंचाकर कुल डेढ़ लाख की राहत दी। साथ ही घायलों के समुचित इलाज का जिम्मा खुद उठाने की घोषणा की। पूर्व विधायक ने परिजनों को ढांढस बंधाते हुए भरोसा दिलाया कि यह मदद सिर्फ शुरुआत है। आगे भी हर संभव सहयोग वे उपलब्ध कराएंगे। पीड़ित परिवारों ने कहा कि इस कठिन घड़ी में पाण्डेय का साथ उनके लिए संबल साबित होगा।
स्थानीय लोगों का मानना है कि पिता की असमय मृत्यु के ग़म में डूबे रहने के बावजूद संतोष पाण्डेय का हादसे के पीड़ितों तक पहुंचना यह दर्शाता है कि इंसानियत और जनसेवा उनके लिए राजनीति से ऊपर है।