सपा हाईकमान ने भरोसे मंद चार पूर्व विधायकों पर जताया विश्वास

जिले की पांच सीट में से चार का टिकट फाइनल
सुलतानपुर(विनोद पाठक)। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पांच में से चार विधान सभा सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है। पार्टी का हाईकमान ने भरोसेमंद जिले के चार पूर्व विधायक जिनमें सदर जयसिंहपुर से अरूण वर्मा, कादीपुर से पूर्व विधायक भगेलूराम, सुलतानपुर से पूर्व विधायक अनूप संडा, लम्भुआ से पूर्व विधायक संतोष पाण्डेय पर दांव लगाया है। हालांकि इन चारों सीटों पर दर्जनों कद्दावर नेता अपनी दावेदारी ठोक रहे थे, लेकिन इन्हें मायूसी हाथ लगी है।
गौरतलब है कि जिले के कद्दावर सपाई एवं टिकट मांग रहे नेता कयास लगा रहे थे कि सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव 28-29 जनवरी को लिस्ट जारी कर सकते हैं। अभी नेता सोच ही रहे थे कि बुधवार की देर रात पार्टी के शीर्ष नेत्त्व ने टिकट जारी कर सबको चैंका दिया। जब सोशल मीडिया पर टिकटों की सूची की सूचना वायरल हुई। तो हड़कम्प मच गया। एक दूसरे से लोग दूरभाष के जरिए पूछते रहे। जिले की पांचों सीटों में से चार सीट पर सपा हाईकमान ने अपने चहेते पूर्व विधायकों को टिकट दे दिया। जिनमें से सदर विधान सभा से पूर्व विधायक अरूण वर्मा, कादीपुर से पूर्व विधायक भगेलूराम, लम्भुआ से पूर्व विधायक संतोष पाण्डेय और सुलतानपुर पूर्व विधायक अनूप संडा पर पार्टी ने भरोसा जताते हुए दांव लगाया है। जब टिकट की सूची वायरल हुई तो टिकट पाए पूर्व विधायकों को बधाई देने का सिलसिला चल पड़ा। हालांकि दर्जनों नेता ऐसे रहे जिन्होने टिकट लेने के लिए आवेदन किया था। पार्टी के अन्दर कई वर्षों से संघर्ष कर पार्टी को मजबूत करने का काम किया था। उन्हें निराशा ही हाथ लगी है। टिकट पाए पूर्व विधायक क्षेत्र में डट गए हैं। पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर चुनाव जीतने की तैयारी में जुटे हैं।
इसौली में असमंजस बरकरार
जिले की इसौली विधान सभा सीट पर सपा में असमंजस की स्थिति बरकरार है। पार्टी हाईकमान ने अभी इस सीट पर अपने पत्ते नहीं खोले हैं। इस इसौली विधान सभा सीट से किस नेता को उम्मीदवार समाजवादी पार्टी बनाएगी होल्ड कर रखा है। किसी भी नेता का टिकट का ऐलान पार्टी की ओर से न करने पर सभी आवेदक लखनऊ में डेरा डाले हुए हैं। गौरतलब है कि सपा 10 साल से इस सीट पर काबिज है। लगातार दो बार से अबरार अहमद यहां के विधायक हैं। जिनका अंदर ही अंदर विरोध चल रहा है। यहां से टिकट के प्रबल दावेदार पूर्व सांसद ताहिर खां, मुईद अहमद रंगोली, पूर्व लोकसभा प्रत्याशी शकील अहमद, रिजवान अहमद पप्पू, मेराज खान, पूर्व नगर पालिका चेयरमैन सैयद रहमान उर्फ मानू भाई, पूर्व विधायक सफदर रजा आदि है। हालांकि पिछले 10 सालों से जनता के बीच में विपक्ष की भूमिका बड़ी ही ईमानदारी के साथ इसौली के लाल बीएम यादव ने निभाया। इसौली की जनता की पसंद बीएम यादव हैं। बीएम यादव भी सभी आवेदकों की तरह लखनऊ में डटे हुए हैं। सोशल मीडिया पर बीएम यादव के समर्थक राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से बीएम यादव को ही इसौली प्रत्याशी बनाने की प्रबल मांग कर रहे हैं। फिलहाल निर्णय पार्टी नेतृत्व करना है। किस नेता की किस्मत साथ देगी, यह तो आने वाला समय ही बताएगा। माना जा रहा है कि एक-दो दिन के अंदर पार्टी हाईकमान इसौली की स्थिति को स्पष्ट कर देगा।