सत्ता की “राह” तलाश रही सपा ने ढूंढ निकाला “फॉर्मूला”
रामराज्य में स्थापित समाजवाद के सिद्धांत को आगे बढ़ायेगी सपा
भाजपा के “रामराज्य” की बुराइयों को जनता में भूनाएगी पार्टी
सुलतानपुर(विनोद पाठक)। सत्ता हासिल करने की “राह” तलाश रही सपा ने अब एक “फॉर्मूला”
ढूंढ निकाला है, जो है त्रेता युग में स्थापित समाजवाद और रामराज्य का है । इसी “फार्मूले” को हथियार के रूप में इस्तेमाल मंच से सपा जिले में कर रही है। अखिलेश दूत “साजन” का यह तरीका पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं को “भाया” भी खूब। इसी मंत्र पर बूथ कमेटी को बनाने और मजबूत करने की कवायद सपा में चल रही है। जनता के बीच पहुंचने का जो तरीका सपा ने निकाला है, वह लाजवाब है। जिसकी काट विपक्षियों को भी आसानी से नहीं मिल सकती। विपक्ष रामराज्य के नाम पर राजनीति कर रही है तो रामराज्य में स्थापित समाजवाद और उसके सिद्धांत को आगे बढाने पर सपा जोर दे रही है। अब जनता को सपा-विपक्ष के रामराज्य को समझने और समझाने की जसरूरत है। उसी ‘ढर्रे’ पर वकायदे लोकसभा प्रभारी “साजन” चल कर जनता को रिझाने में लग गए हैं। साथ आत्मबल से कार्यकर्ताओं को लवरेज कर रहे हैं। यदि सपा इस मकसद में कामयाब हो गई,पार्टी का संदेश जनता तक पहुंचा ले गई तो निश्चितौर पर मिशन 2024 का लक्ष्य सपा साध ले जाएगी।
बीते चार दिनों में बूथ कमेटी बनाने पर सपा ने जिले में जोर दिया। बूथ कमेटी मजबूत बने, इसके लिए सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने अपने तीन दूत जिले में भेजे। जिन्हें नाम दिया गया लोकसभा प्रभारी। सभी विधानसभाओं में विधानसभा प्रभारी के साथ बैठक हुई। मंच से पूर्व मंत्री सुनील साजन ने एक नई तान छेड़ी। त्रेता युग में स्थापित समाजवाद की। उस समाजवादी की जिसे प्रभु श्री राम ने स्थापित किया था। जिसे रामराज्य कहा गया। जिसमें न भेदभाव न ऊंचनीच और न ही कोई बुराई,न ही दैवीय आपदा। जिसमे सभी को मिलता था बराबरी का दर्जा। उस समय के समाजवाद और रामराज्य का वर्णन संत तुलसीदास जी ने बड़े ही मार्मिक ढंग से उत्तरकांड में किया है कि “”दैहिक, दैविक भौतिक तापा, रामराज्य नहि काहुहि ब्यापा, सब नर करहिं परस्पर प्रीति, चलहिं स्वधर्म निरत श्रुति नीति”। अर्थात प्रभु श्री राम के राज्य में देह से संबंधित रोग,दैवीय प्रकोप और भौतिक आपदा का किसी भी प्रकार का प्रभाव नही था,सब प्रभु श्री राम ने विजय प्राप्त कर लिया था। जिसमे सभी मनुष्यआपस मे प्रेम करते थे,अपने अपने धर्म का पालन भी करते थे। घूम घूम कर पूर्व मंत्री सुनील साजन ने मंच से पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं को समझाते और बताते हैं कि कंद मूल फल सुरस अति,दिए राम कहुँ आनि, प्रेम सहित प्रभु खाए, बारंबार बखानि। इसका रामचरितमानस में वर्णन है। प्रभु श्रीराम शबरी के जूठे बेर खाए, निषादराज को गले लगाया, आदिवासियों, भेल, बंदर पर विश्वास कर लंका पर चढ़ाई की, आताताई रावण को मार गिराया और अंगद, विभीषण को राजा बनाने का काम भी किया। त्रेता युग में स्थापित समाजवाद और रामराज्य के सिद्धांत को आगे करने का काम समाजवादी पार्टी कर रही है। जिससे की समाज में भाईचारा कायम हो सके, समाज का ताना-बाना भी न टूटे। साजन बयां करते हैं कि भाजपा रामराज्य के नाम पर धर्म के आड़ में राजनीति कर रही है, समाज मे नफरत फैला रही है, समाज में वैमनस्यता भी फैलाने का काम कर रही है। जाति को जाति से लड़ा रही। लेकिन अब सपा के सामने भाजपा कहीं भी टिक नहीं सकती। बन रही बूथ कमेटियां धरातल पर हैं, अब पार्टी में हवा बाजी चलने वाली नही है। ऐसे ही कई बिंदुओं पर काम लोकसभा प्रभारी बनाए गए पूर्व मंत्री सुनील साजन,पूर्व मंत्री मुनीर अहमद, पूर्व विधायक अरुण वर्मा काम कर रहे हैं कि पार्टी से अगड़े, पिछड़े,दलित,अल्पसंख्यक आदि को जोड़ा जाए, तभी चुनाव जीता जा सकता है। यही पार्टी के लिए कारगर साबित होगी।
राजनीति के मझे खिलाड़ी लोकसभा प्रभारी बनाए गए सुनील साजन वह सारी राजनैतिक “चाल” चल रहे हैं, जिससे की जनता सीधे समाजवादी पार्टी से जुड़े। बड़े ही बेबाकी से कई मंचों से अपनी बात रखी, मशविरा भी दिया कि समय रहते हम अपने आप मे बदलाव लाएं, सोच सकारात्मक रखें। दूसरों का सम्मान दे, गले लगाएं। अगड़े और अति पिछड़े को आगे कर पीछे खड़े हो तो यही सब मिलकर सपा को आगे बढ़ाएंगे और आगे ले जाएंगे। इसकी शुरुआत करनी पड़ेगी। चौराहे आदि सार्वजनिक स्थान पर गलत बोलने से अच्छा चुप रहना। इस पर अमल करें, कारगर साबित होगा। साजन का इस पर विशेष जोर चल रहा है। पार्टी के कार्यकर्ताओं के अंदर व्याप्त इस कमजोरी को दूर करने की पुरजोर कोशिश की जा रही है। नकारात्मक विचार छोड़, कार्यकर्ता सकारात्मक सोच पर बल दे। साजन ने मंच से एकदम स्पष्ट कर दिया हैं कि जिस दिन कार्यकर्ताओं की सोच सकारात्मक हो गई। तो कोई भी सपा का विधायक, सांसद बनने से रोक नहीं सकता।
पिछड़ा वर्ग के लोगों को समझाने के लिए लोकसभा प्रभारी पूर्व मंत्री सुनील साजन ने कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। जिले की विधानसभाओं में लगी बूथ कमेटियों की मीटिंग में बड़े ही मार्मिक ढंग से समझाने की कोशिश की। कहा कि पिछड़ा वर्ग की लड़ाई आजादी के बाद सवर्णों ने नेताओं ने लड़ी है। जिसमें राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, डॉ राम मनोहर लोहिया आदि जैसे महापुरुष का नाम सबसे आगे आता है। जो सवर्ण जाति के थे।
पूर्व मंत्री “साजन” का इशारा एकदम साफ था और सही भी कि पार्टी में बगैर सवर्ण के आए कल्याण होने वाला नही है। सबको जोड़ना पड़ेगा, सबको सम्मान भी देना पड़ेगा। जिस दिन हम लोगो के सोचने का नजरिया बदल गया,सपा अपने आप आगे निकल जायेगी