सुभासपा का इसौली में जमे पांव “लंगोट” कस “कसरत” कर दी शुरू
पिछड़ी और अनसूचित की उप जातियों को पार्टी से जोड़ने की चल रही कवायद
जिम्मेदार पदाधिकारियों के साथ जिलाध्यक्ष विनीत सिंह की लग रही चौपाल
सुभासपा पहुंच रही वंचितों के “द्वार”
सुलतानपुर(ब्यूरो)। सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी इसौली विधानसभा क्षेत्र में पांव जमाने के लिए “लंगोट” कस “कसरत” शुरू कर दी है। पिछड़ी और अनसूचित की उप जातियों को पार्टी से जोड़ने की तगड़ी कवायद की है। पार्टी के जिलाध्यक्ष विनीत सिंह पार्टी पदाधिकारियों के साथ मीटिंग करने का दौर शुरू कर दिया है। बैठक में पहुंच रहे व्यक्तियों को बड़े मार्मिक ढंग से समझा कर पार्टी से जोड़ने का कार्य युद्ध स्तर पर किया जा रहा है। सुभासपा जिलाध्यक्ष के कार्यशैली की “दाद” अन्य पार्टी के पदाधिकारी दे रहे हैं,जो अपने आप मे एक मिशाल है,जिसकी सराहना क्षेत्र में खूब हो रही है।
पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर के निर्देश पर जिले के जिलाध्यक्ष विनीत सिंह पार्टी का विस्तार और संगठन को और मजबूत बनाने के लिए ठोस रणनीति ही नही तैयार की है, बल्कि उस पर अमलीजामा भी पहनाने की तगड़ी कोशिश कर रहे हैं,जिससे की जिले के हर विधानसभा, तहसील,ब्लाक स्तर पर मजबूत कार्यकर्ता और पदाधिकारी भी हों,जिससे समूचे जिले में पार्टी “बरगद” का पेड़ बनकर मजबूती के साथ खड़ी हो। एक बड़ी लाइन खींचने की रणनीति पर काम कर रहे हैं। जो धरातल पर दिख भी रहा है। शुक्रवार को जिलाध्यक्ष विनीत सिंह पूरी टीम के जिम्मेदार साथियों के साथ इसौली विधानसभा क्षेत्र के कई स्थानों पर मीटिंग किए। जिसमे वंचित,पिछड़े,गरीब समाज के बड़ी संख्या में बैठक में शामिल हुए। जिलाध्यक्ष ने सुभासपा की नीतियों को तो बताने का कार्य किया ही,साथ ही पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं सूबे के कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर के संघर्षों के बारे में भी बताने का कार्य जैसे ही शुरू किया तो उपस्थित वंचित समाज के व्यक्तियों ने जिंदाबाद के खूब उद्घोष किया। राजनैतिक बैठक के माहौल में चारचांद लग गया। जैसे कि उन्हें मुंह मांगी मुराद मिल गई हो। एक बैठक प्रदीप के संयोजन में हुई। दूसरी मीटिंग बृजेश पाल,तीसरी बैठक बाबूलाल धुरिया और एक चौपाल रितेश राणा के अगुवाई में हुई। जिसमे वंचित समाज के लोगों ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा ही नही लिया बल्कि ढेर सारे व्यक्तियों ने पार्टी की सदस्यता भी ली। सुभासपा के कार्यक्रम को देखकर कई पार्टी के पदाधिकारियों ने दांतों तले उंगली दबाई। काश! मेरी भी पार्टी के जिलाध्यक्ष इसी तरह गरीबों के द्वार पहुंचते तो बात कुछ और ही न होती,बल्कि बात बन जाती। पर,मेरी पार्टी में ऐसा नही है, वरना……