महोली क्षेत्र में दहशत का पर्याय बनी बाघिन आखिरकार पकड़ी गई

कई वर्षों के आतंक के बाद बाघिन पर वन विभाग का शिकंजा, नरनी और आस-पास के गाँवों में राहत की सांस
निर्वाण टाइम्स
महोली सीतापुर। लंबे समय से नरनी और आस-पास के गाँवों में दहशत फैलाने वाली बाघिन शनिवार-रविवार की रात वन विभाग की टीम के शिकंजे में फँस गई। कतर्निया से आई विशेषज्ञ टीम ने देर रात उसे ट्रेंकुलाइज कर इलसिया स्थित वन विभाग कार्यालय में सुरक्षित रखा। प्रभागीय वनाधिकारी नवीन खंडेलवाल ने बताया कि रविवार सुबह मुख्य वन संरक्षक की देखरेख में आगे की कार्रवाई होगी। वन विभाग और दुधवा टाइगर रिजर्व के विशेषज्ञ डॉ. दयाशंकर के नेतृत्व में नरनी में कमांड सेंटर स्थापित किया गया था। पिछले 31 दिनों में वन विभाग ने कुल छह पड़वे बांधे, जिनमें से बाघिन ने चार को पहले ही अपना शिकार बना लिया था। शुक्रवार रात उसने पांचवें पड़वे पर भी हमला किया। ग्रामीणों ने बताया कि 22 अगस्त की शाम नरनी निवासी सौरभ दीक्षित खेत जाते समय बाघिन का शिकार बने। विशेषज्ञों ने कहा कि कॉम्बिंग अभियान के दौरान इलाके में तीन अन्य बाघों की मौजूदगी देखी गई, जिससे बाघिन को तुरंत ट्रेंकुलाइज करना चुनौतीपूर्ण हो गया। टीम ने गन्ने के खेत में बैठे बाघिन का इंतजार किया और देर रात उसे बेहोश कर पकड़ने में सफलता हासिल की। वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि बाघिन ने केवल इंसानों को ही नहीं, बल्कि पड़वे और अन्य जानवरों को भी निशाना बनाया। बाघिन के पकड़े जाने के बाद नरनी और आसपास के गाँवों में राहत का माहौल है। ग्रामीणों ने कहा कि उम्मीद है कि वन विभाग क्षेत्र में गश्त बढ़ाकर भविष्य में किसी भी खतरे से सुरक्षा सुनिश्चित करेगा।