एसडीएम गोला से निराश होकर सीएम सहित उच्च अधिकारियों से लगाई न्याय की गुहार
राजस्व विभाग का मजाक बना रहा गोला तहसील प्रशासन
11 फरवरी 2020 को तमाम पीड़ितों ने अपनी जमीन पर से अतिक्रमण मुक्त कराने के लिए दिया था गोला एसडीएम को प्रार्थना पत्र
गोला एसडीएम द्वारा पूरी जांच करवाने के बाद 24 जून 2020 को लेखपाल द्वारा नोटिस चस्पा 25 जून 2020 तक अतिक्रमण हटाने का निर्देश दिया
ऐसा क्या हुआ जो अभी तक अतिक्रमण नहीं हटाया गया पीड़ितों की जमीन पर से
कहीं पीड़ितों का एसडीएम गोला पर किसी प्रकार के दबाव का शक सही तो नहीं
पवन सक्सेना/एस.पी.तिवारी
गोला-खीरी।”सावधान हो जाइए!” यदि आप की जमीन पर अवैध अतिक्रमण हो गया है और आप सिस्टम के तहत पूरी प्रक्रिया करने के बाद यदि आप गोला तहसील प्रशासन से अपनी जमीन पर अतिक्रमण मुक्त करवाने को सोच रहे हैं तो आप गलत साबित हो सकते हैं।बेहतर होगा कि आप उस जमीन को भूल जाए। क्योंकि आपका सिर्फ और सिर्फ मानसिक,आर्थिक और शारीरिक शोषण ही होगा। ऐसे तमाम मामले गोला तहसील प्रशासन में देखे गए हैं जहां पीड़ितों ने किसी भी प्रकार की प्रक्रिया में कोई कमी नहीं रखी, हर संभव प्रयास अधिकारियों के अनुशरण में किया। अपनी सत्यता को सिद्ध करने के लिए सभी दस्तावेज भी हर जगह दिखाये।पूरा मामला जिला लखीमपुर खीरी की तहसील गोला गोकर्णनाथ का है जहां लगभग 10 पीड़ितों ने अपनी जमीन पर हुए अवैध अतिक्रमण को लेकर 11 फरवरी 2020 को तहसील गोला परिसर में एसडीएम कार्यालय में एसडीएम को एक प्रार्थना पत्र सौंपा जिसमें उन्होंने अपनी जमीन पर हुए अवैध अतिक्रमण को हटाए जाने के संबंध में मांग की थी।उसके बाद ढुलमुल तरीके से कार्यवाही शुरू हो गई।मामले से सम्बंधित फाइल तैयार हुई और लेखपाल से रिपोर्ट मांगी गई। लेखपाल ने भी अपनी रिपोर्ट लगा दी।हालांकि पीड़ितों और लेखपाल की माने तो रिपोर्ट पीड़ितों के पक्ष मे ही थी और कोरोना काल से पहले एसडीएम गोला ने लगभग मौखिक रूप से हरी झंडी भी दे दी।लेकिन कोरोना काल शुरू होते ही मामला वहीं का वहीं रुक गया और पीड़ितों ने भी इंतजार किया कि कब कोरोना काल खत्म होगा और प्रक्रिया पुनः शुरू होगी।उसके बाद जैसे ही कोरोना काल का अनलॉक वन शुरू हुआ,पीड़ितों ने दोबारा दम भरना शुरू किया, एसडीएम से कार्रवाई को आगे बढ़ाने की मांग करने लगे,कार्यवाही पुनः शुरु हुई और इस बार कार्रवाई यहां तक बढ़ी कि 24 जून 2020 को लेखपाल स्वयं जाकर पीड़ितों की जमीन पर रखे अवैध रूप से खोखे के ऊपर एक नोटिस चस्पा कर देता है जिसमें 25 जून 2020 तक का समय दिया जाता है।नोटिस के चस्पा होते ही पीड़ितों के मन में एक खुशी की लहर दौड़ उठी और उनकी नजरों में गोला तहसील प्रशासन को लेकर एक सम्मान की भावना पनप गई लेकिन उनकी यह खुशी जल्द ही खत्म हो गई। क्योंकि नोटिस में दी गई तिथि को गुजरे लगभग 1 सप्ताह हो गया। लेकिन अभी तक राजस्व विभाग से कोई भी मौके पर नहीं पहुंचा, इससे पीड़ितों के दिल और दिमाग में बहुत से सवाल पनपने लगे और इस बाबत पर पीड़ितों ने एसडीएम गोला से पुनः बात की, किन्तु एसडीएम गोला आज-कल करते उनको अभी तक टालते रहे।फिलहाल गोला तहसील प्रशासन की तरफ से न्याय मिलने के इंतजार मे थक कर पीड़ितों ने एक प्रार्थना पत्र।डीएम और प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ को दिनांक 02 जुलाई 2020 को प्रेषित किया जिसमें उन्होंने निवेदन किया है कि प्रार्थीगण के प्लॉट मोहम्मदी रोड गोला में गाटा संख्या 1055/2 में स्थित है, जिसके प्रार्थीगण बैनामेदार हैं और नगर पालिका के अभिलेखों में प्रार्थीगण के नाम काफी समय से दर्ज चले आ रहे हैं लेकिन प्रार्थी गण के प्लॉटों पर कुछ लोगों ने अस्थाई खोखे रखकर अवैध अतिक्रमण कर लिया है। अपने प्रार्थना पत्र में प्रार्थीगण ने एसडीएम गोला पर किसी दबाव के कारण कोई कार्यवाही नहीं किए जाने का जिक्र किया है और जिलाधिकारी महोदय व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से कार्यवाही आगे बढ़ाए जाने की गुहार लगाते हुए अपने प्लाटों पर अवैध अतिक्रमण हटाए जाने की मांग की है।फिलहाल गोला तहसील प्रशासन की पूरी कार्यशैली के बाद बहुत से सवाल खड़े हो जाते हैं कि यदि गोला तहसील प्रशासन को कब्जा मुक्त नहीं करवाना था,तो 24 जून को नोटिस क्यों चस्पा कराया जिसमें 25 जून तक का समय दिया गया और यदि नोटिस चस्पा करा ही दी थी तो फिर उसके बाद पूरी कार्यवाही क्यों नहीं की गई? क्या सिर्फ तहसील प्रशासन मामले से सम्बन्धित नोटिस चस्पा कराने तक ही जिम्मेदार थी। कहीं पीड़ितों का शक सही तो नहीं कि गोला तहसील प्रशासन पर किसी ना किसी प्रकार का कोई दबाव है? फिलहाल जो भी हो इस तरीके से तो जनता का गोला तहसील प्रशासन से पूरी तरीके से विश्वास उठता दिखाई दे रहा है। फिलहाल इस मामले मे अब आगे देखते हैं कि क्या पीड़ितों को न्याय मिल पाएगा या फिर इसी तरीके से शासन व प्रशासन के चक्कर काटते रहेंगे।