जौनपुर :मुंगराबादशाहपुर में हर तरफ लापरवाही जिम्मेदार मौन

संवाददाता : सूरज विश्वकर्मा
मुंगराबादशाहपुर/जौनपुर। एक तरफ जहां वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से लड़ने के लिए केंद्र सरकार और प्रदेश सरकार क्वरंटीन सेंटरों पर साफ सफाई, और प्राथमिक विद्यालयों को सैनिटाइज करने का सख्त हिदायत दी है ताकि मच्छर और गंदगी से लोग और बीमार ना हो जाए। वहीं क्वरंटीन हुए लोगों को सभी सुविधाएं मुहैया कराने का दावा कर रहें हैं योगी सरकार का मुंगराबादशाहपुर में पोल खुलती नजर आ रही है कई जगहों से शिकायत मिलने के बाद हमारे संवाददाता ने शिकायत किए हुए क्वरंटीन सेंटरों पर जाकर जानकारी प्राप्त किया और कवरंटीन हुए लोगों से बातचीत किया जिसमें पूरामधु गांव के प्राथमिक विद्यालय में लोगों ने बताया कि उन्हें कोई सुविधाएं मुहैया नहीं कराई जा रही है ना तो लैट्रिन साफ है ना विद्यालय को कभी सैनिटाइज कराया गया हर तरफ गंदगी फैली हुई है जिससे दूसरी बीमारियों का जन्म हो सकता है और कोई सरकारी कर्मचारी हमारा सुध नहीं लेने आता है। प्रधान से शिकायत करने पर वह साफ साफ इंकार कर देतें हैं वहीं गौरैयाडीह के सटवां प्राथमिक विद्यालय में भी यही हाल बना हुआ है दो दिन से विद्यालय की बिजली कटी हुई है जिसे कवरंटीन हुए लोगों ने गौरैयाडीह के ग्राम प्रधान से शिकायत किया तो उन्होंने कहा यह हमारी जिम्मेदारी नहीं है और तो और क्वरंटीन हुए लोगों का ना तो कभी कोई जांच होता है और ना ही कोई सुध लेता है प्रधान का कहना है कि सरकार हमें कोई फंड नहीं दे रहा है जिससे हम खर्च करें जिसको रहना है रहे नही तो वो अपने घर जा सकता है। यह हाल है मुंगराबादशाहपुर के ग्राम प्रधानों का जो चुनाव के वक्त इन्हीं जनता से बड़े बड़े वादे करते हैं फिर उनको कोई समस्या होती है तो वो मुकर जाते हैं अगर इसी तरह लापरवाही होता रहा तो निश्चय ही इसके गंभीर समस्या हो सकता है। वहीं बीते कुछ दिनों में मुंगराबादशाहपुर में तीन बड़े हादसे हुए जिससे क्षेत्र की जनता में भय का माहौल है पहले मुंगरा के सरकारी अस्पताल में गंभीर हालत में कोरोना जैसे लक्षण दिखने वाला मरीज मिलना फिर सार्वजनिक इंटर कॉलेज में अचानक क्वरंटीन हुए व्यक्ति जिसको कवरंटीन हुए चौबीस घंटे भी ना हुए उसकी मृत्यु हो जाना उसके बाद उसी दिन मुंगरा थाना क्षेत्र के अंतर्गत पुराउपुर में ट्रक द्वारा मुंबई से लौट रहे अधेड़ की ट्रक में मृत्यु हो जाना कहीं न कहीं शासन और प्रशासन के दावों की पोल खोलती नजर आ रही है और लापरवाही भी। जो इन सब हादसों पर प्रश्नचिन्ह लगाते हैं।