जौनपुर : ये कैसा लॉकडाउन…? उड़ रही धज्जियां बाजारों में मेले जैसा माहौल

संवाददाता : सूरज विश्वकर्मा
मुंगराबादशाहपुर/जौनपुर। देश में वैश्विक महामारी कोरोना वायरस को रोकने के लिए सरकार हर सम्भव प्रयास कर रही है वहीं कुछ दिशा निर्देश भी जारी किया है केंद्र और राज्य सरकार ने कोई जरूरी काम हो तभी घर से निकलें और घर से निकलें तो मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग का बाजारों में पालन करते हुए सामानों की खरीदारी करें। कोई भी बाइक सवार अकेले ही बाइक लेकर निकले ऑटो रिक्शा में दो से अधिक व्यक्ति सवार ना हो दुकानदार सामान देते वक्त हाथ में गलव्स व सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए सामानों की बिक्री करे। पर जैसे ही चौथे लॉकडाउन में दुकान खोलने के दिशा निर्देशों के आते ही अगले दिन से लॉकडाउन के नियमों को ताक पर रखकर लोग उसकी धज्जियां उड़ाते हुए नजर आए मुंगराबादशाहपुर थाने के सामने से ही बाइक सवार तीन लोगों के साथ बिना हेलमेट पहने शासन और प्रशासन को मुंह चिढ़ाते हुए सामने से निकल रहें हैं और मुंगराबादशाहपुर के बाजारों में क्षेत्रीय व महाराष्ट्र दिल्ली और अन्य प्रदेश से आए हुए लोग भी खरीददारी बिना होम कवरंटीन हुए ही बाजारों में बेहिचक घूम रहे हैं जिससे बाजारों के खुलने से संक्रमण का खतरा और बढ़ गया है। यहां के बाजारों में जैसे मेला लगा हुआ हो एक व्यक्ति अपने साथ कई लोगों को लेकर खरीददारी करने निकले हुए हैं जिससे और भीड़ बढ़ जाती है लोगों को भी ये बात ध्यान रखना चाहिए कि ज्यादा सामानों की खरीददारी ना करना हो तो अकेले ही आए सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए खरीददारी करें। कोई कोई व्यक्ति ही मास्क लगाए और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए नजर आ रहा था, अब सवाल ये है कि सरकार ने जो दुकान खोलने के दिशा निर्देश जारी किए हैं उसे कौन पालन कराएगा या करेगा प्रशासन या जनता??जनता तो किसी की सुनेगी नही वो हमेशा से सरकार के नियमों का उल्लंघन करता रहा है अब प्रशासन पर सवाल खड़े होतें हैं कि मुंगरा के पुलिसकर्मी इसे कड़ाई से पालन क्यों नहीं करा पा रहें हैं या देखते हुए भी अनदेखा कर रहें हैं हां अगर कोई जारी किए गए समय से अधिक दुकान खुला दिखाई देता है तो उसको नियम का हवाला देते हुए उक्त व्यापारी से थोड़ी बहुत कमाई जरूर कर लेतें हैं तब उनके पास बहुत नियम कानून लागू करने लगते हैं और फोटो खींच कर पैसे के लिए डराते हैं। क्या केवल कमाने के लिए ही पुलिस प्रशासन नियम कानून लागू करता है उस वक्त नही जब उसे नियम कानून का पालन कराना चाहिए?क्या आखिर जनता ही नियम का पालन करेगी या शासन प्रशासन कराएगी? सवाल ये भी बनता है कि जब बाजारों में खुली छूट मिली है तो लॉकडाउन का क्या मतलब?जब बाजारों में इसी तरह भीड़ जमा हो। जब बाजारों में भीड़ जमा होगा तो संक्रमण का भी खतरा बढ़ेगा अगर क्षेत्र में कोई व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव मिलता है तो जिम्मेदारी कौन लेगा शासन या प्रशासन? मुश्किलें तो जनता के लिए खड़ी होंगी जिससे क्षेत्र में इससे अधिक कड़ाई हो जाएगा प्रशासन का भी दायित्व बनता है कि अपने थाना क्षेत्र के अंतर्गत सक्रियता बढ़ाए और जो भी व्यक्ति शासन व प्रशासन के दिशा निर्देशों का उल्लंघन करता हुआ दिखे उस पर सख्त कार्यवाही हो जिससे जनता के अंदर भी डर हो और वो सरकार के दिशा निर्देशों का पालन करेगा। फिलहाल अभी सब गैर जिम्मेदाराना बने हुए हैं शासन, प्रशासन, जनता कोई भी दिशा निर्देशों को पालन करने और कराने में अपनी जिम्मेदारी नहीं समझतें हैं।