पुलिस की मिलीभगत से हो रही खुलेआम अवैध बालू खनन,
पुलिस की मिलीभगत से हो रही खुलेआम अवैध बालू खनन
नौतनवां के स्थानीय थाना क्षेत्र के पचढिहवा, बैकुंठपुर बोदवार, जमुहानी, सुर्यपुरा, महावनाला, झिगटी, खैरहवादूबे आदि घाटों से पानी कम होने के कारण धड़ल्ले से हो रही अवैध बालू खनन – प्रसाशन सो रहा अवैध बालू खनन हो रहा
परसामलिक थाना क्षेत्र से इन दिनों स्थानीय पुलिस की मिलीभगत से बालू का अवैध खनन जोरों पर है जो रूकने का नाम नहीं ले रहा है। आपको बता दें कि स्थानीय थाना क्षेत्र के हर गांव में नदी से अवैध खनन कर लाया गया बालू देखा जा सकता है जिसमें से पानी निकलता रहता है यही नहीं बल्कि ठूठीबारी नौतनवां एनएच 24 मुख्य मार्ग पर ही कई जगहों पर अवैध बालू का खेप लगा देखा जा सकता है। ऐसा नहीं कि स्थानीय पुलिस को इसकी जानकारी नहीं है जानकारी के बावजूद पुलिस वसूली करने में मशगूल है। यही कारण है कि बालू माफिया शाम होते ही नदी का सीना चीरकर अवैध रूप से खनन करने में मस्त हो जाते हैं। जिससे नदी के किनारे बसे गांवों के लोगों को आज से ही बाढ़ का खतरा मंडराता दिख रहा है। जिससे सरकार के राजस्व की खुलेआम चोरी की जा रही है।
बताते चलें कि परसामलिक थाना क्षेत्र के पचढिहवा, बैकुंठपुर बोदवार, जमुहानी, सुर्यपुरा, महावनाला, झिगटी, खैरहवादूबे आदि घाटों से पानी कम होने के कारण बालु तस्करों का खूब चांदी कट रहा है। उपरोक्त नदी घाट से बेखौफ होकर बालू खनन माफिया शाम से लगाय देर रात तक अवैध खनन के लिए टैक्टर-ट्राली लेकर नदी के घाट पर पहुंच जा रहे हैं तथा मजदूरों के मदद से बालू खनन कर टैक्टर-ट्राली पर लाद रहे है।
अवैध खनन कर लाया गया बालू का खेप कई स्थानों पर डम्प किया जा रहा है जिसके बदले 25 से 3 हजार रुपए लेकर जरूरतमंदो के यहां आसानी से पहुंचाया जा रहा है। वहीं दूसरी तरफ अवैध खनन पर अंकुश न लगने से नदी किनारे बसे गांव के लोग भयभीत हैं। उनका कहना है कि अवैध खनन से नदी का किनारा ध्वस्त होकर नदी के पेट में समा जा रहा है जिससे उनके गांवों पर बारिश के मौसम में बाढ़ का खतरे का चिंता आज से ही मंडराने लगा है। नदियों से हो रहे व्यापक पैमाने पर बालू के अवैध खनन व पर्यावरण से नदियों का वजूद मिट रहा है तो वहीं दूसरी ओर किसानों के समक्ष सिंचाई की गंभीर समस्या भी उत्पन्न होने के साथ ही जलसंकट के रूप में गंभीर समस्या उत्पन्न होती दिख रही है। लेकिन इस दिशा में सरकार व प्रशासन के स्तर से कोई पहल नहीं हो रहा है जिसके कारण बालू माफियाओं व चोरों के हौसले बुलंद है। यही नहीं ऐसे तत्वों को राजनीतिक संरक्षण भी मिलता रहा है। जिसके कारण अवैध कारोबार बंद होने का नाम नहीं ले रहा है बल्कि खनन में दिन दूना रात चौगुना होता चला जा रहा है। बालू के अवैध खनन व पर्यावरण से नदियों का वजूद मिटता जा रहा है। कभी बालू से लबालब नदियां आज बालू विहीन होता जा रहा है। इससे बेपरवाह बालू माफिया मालामाल हो रहे हैं, वहीं सरकार को इससे राजस्व भी नहीं मिल रहा है। ग्रामीणों की मानें तो प्रतिदिन करीब सैकड़ों ट्रैक्टर बालू की चोरी हो रही है। जबकि जिले में सरकारी योजनाओं में भी चोरी का बालू खप रहा है। जिसपर प्रशासन के स्तर से कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। यही कारण है कि अवैध कारोबार में संलिप्त लोगों के हौसले बुलंद हैं। उन्हें मालूम है कि वे चोरी करें या डकैती, उनके वाहन तो छूटेंगे ही। इधर नदियों से हो रहे बालू के दोहन से नदियों का वजूद मिटता जा रहा है। आलम यह है कि नदी तट के इलाकों में जलसंकट की भी समस्या गंभीर होती चली जा रही है। हद तो यह है कि सरकार व निजी कंपनी की बड़ी योजनाएं भी अब चोरी के बालू से पूरी की जा रही है। जिससे सरकार के करोड़ों के राजस्व को चूना लगाया जा रहा है। अवैध कारोबार में शामिल लोग खुलेआम कहते भी है कि कहीं भी शिकायत करो, कुछ होने वाला नहीं है मामला तो थाने ही आएगा मैनेज सिस्टम में सब चलता है। इससे स्पष्ट होता है कि राजस्व व पुलिस विभाग भी अवैध खनन में संलिप्त है। इस सम्बन्ध में उपजिलाधिकारी नौतनवां जसधीर सिह ने बताया की अवैध खनन की सूचना मिल रहा है टीम गठित किया जा रहा है जल्द ही छापेमारी कर कार्यवाही किया जायेगा
गुड्डू गुप्ता की रिपोर्ट।