पैन बदलवाने में दस नए संदिग्ध शिक्षक पकड़ में लटक रही कार्रवाई की तलवार

बस्ती(रुबल कमलापुरी)। बेसिक शिक्षा विभाग में फर्जी शिक्षकों की फेहरिस्त लंबी है। दूसरे के प्रपत्र पर नाम बदलकर नौकरी करने वालों की साठगांठ विभाग के हर पटल पर है। अनामिका प्रकरण के बाद जब शासन सख्त हुआ तब जाकर यहां जिम्मेदारों में हलचल मची। वरना लंबे समय से तो इन शिक्षकों की नौकरी चल रही थी। जुलाई में छह फर्जी शिक्षकों की सेवा समाप्त हुई,तो दूसरी तरफ पैन बदलवाने में दस नए संदिग्ध शिक्षक पकड़ में आ गए। अब इन पर कार्रवाई की तलवार लटक रही है। दरअसल शासन ने परिषदीय शिक्षकों का समस्त ब्योरा आनलाइन मांग लिया है। इसके अलावा आयकर रिटर्न भी आनलाइन दाखिल किया जाना अनिवार्य है। इन दोनों व्यवस्था में फर्जी शिक्षक कहीं न कहीं पकड़ में आ जा रहे हैं। बावजूद इसके उनकी सेवा समाप्ति की कार्रवाई में साल बीत जा रहे हैं। वर्ष 2019 से संदिग्ध छह शिक्षकों की सेवा समाप्ति चार जुलाई को जाकर हो पाई है। इसके अलावा दस अन्य संदिग्ध शिक्षक छह माह से रडार पर चल रहे हैं। मार्च में आयकर रिटर्न दाखिल होने से पहले ही इन शिक्षकों का पैन नंबर बेसिक शिक्षा विभाग के लेखाधिकारी कार्यालय में बदल दिया गया। बीएसए की तरफ से मई में इन शिक्षकों को नोटिस दी गई। संबंधित शिक्षकों का वेतन रुका और न ही विभाग को उनका कोई सटीक जवाब मिला। मई तक इन संदिग्ध शिक्षकों का वेतन आहरित होता रहा। शासन की सख्ती के बाद अपनी गिरेबान बचाने के लिए विभाग जुलाई में इन संदिग्ध शिक्षकों के वेतन रोकने का आदेश निर्गत किया है। अभी भी मिल रही सहूलियत।