निजी अस्पताल की शिकायत की जाँच में स्वास्थ्य विभाग द्वारा अनावश्यक बिलम्ब क्यों
बस्ती(रुबल कमलापुरी)। सहाय हास्पिटल एँव रिसर्च सेन्टर बोकनार पर लगे आरोपों की जाँच का मामला बनकटी बस्ती विभाग के रहमोकरम पर जगह जगह निजी अस्पताल संचालित हैं।जो न सिर्फ मरीजों का जमकर शोषण कर रहे हैं बल्कि चिकित्सकों की अनुभवहीनता से मरीजों का जीवन को भी खतरे में हो जाता है।ऐसे मामलों की जब पीड़ित द्वारा शिकायत किया जाता है तो विभाग मामले को दबाने व जाँच करने में हीलाहवाली कर गुनहगारों को बचाने का हर सम्भव प्रयास करता है। इस तरह का एक मामला प्रकाश में आया है।जो स्वास्थ्य विभाग के संदिग्ध कारनामों की पोल खोल रहा है।
रखौना बाजार निवासी रामधनी पुत्र रामलखन ने 31मार्च को आन लाइन किये गये शिकायत में लिखा है कि प्रार्थी ने अपने पत्नी सरोज देवी(45)के बच्चे दानी का आपरेशन हेतु 18 फरवरी को बस्ती महुली मार्ग पर स्थित ग्राम बोकनार में संचालित निजी सहाय हास्पिटल व रिसर्च सेन्टर में भर्ती किया। जहाँ उसी दिन डा.अजय,डा.मुन्ना गौतम, डा.विनीत तिवारी, डा.विजय चौधरी,डा.अजीत चौधरी,डा.सुशील चौधरी व एनम के रूप में रिंकी चौधरी ने संयुक्त रूप से आपरेशन किया। आरोप है कि रिंकी ने इन्टर की बोर्ड परीक्षा भी वर्ष 2020 में दिया है।आपरेशान के बाद तीसरे दिन चिकित्सकों के सलाह से मरीज को खिचड़ी खिलाने पर मरीज के पेट में असहनीय दर्द के साथ उल्टी होने लगी। 25 फरवरी को मरीज का आँशिक टाँका काटकर उसे डिस्चार्ज कर दिया गया। तब घर ले जाने पर मरीज के पेट का दर्द व उल्टी और बढ़ गया। ऐसी दशा में आनन फानन में फिर मरीज को अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहाँ चार घन्टे तक उसे कुछ राहत मिलने पर पुनः डिस्चार्ज कर दिया गया। लेकिन फिर घर ले जाने पर मरीज का दर्द व उल्टियाँ पूर्व की भाँति बढ़ गया। तब फिर मरीज को 28 फरवरी को हास्पिटल पहुँचाया गया जहाँ तीन दिन बाद भी कोई सुधार नहीं हुआ। तब हतोत्साहित होकर प्रार्थी दूसरे अस्पताल के अनुभवी चिकित्सकों की सलाह पर 02 मार्च को जीवन और मौत के बीच झूल रहे मरीज़ को लखनऊ के एक अस्पताल में भर्ती कराया। जहाँ चिकित्सकों के अथक प्रयास से मरीज को बचाया जा सका राम धनी ने सहाय हास्पिटल के चिकित्सकों के अनुभवों और डिग्रियों के साथ हास्पिटल की कार्यप्रणालियों पर सवाल खड़ा करते हुये मामले के उच्चस्तरीय जाँच कराकर विधिक कार्यवाही की माँग किया है। हमारे सहयोगी पत्रकार द्वारा पूछे जाने पर इस मामले में डिप्टी सी.एम ओ.डा.सी.एल. कन्नौजिया ने बताया कि उक्त मामले की जाँच के लिये टीम तो गठित है।शीघ्र ही जाँच होगी। इस तरह से अनेक बार आश्वासन दे चुके हैं डा.कन्नौजिया। अब सवाल उठता है कि पीड़ित के द्वारा की गयी आन लाइन शिकायत के तेरह सप्ताह बाद भी मामले की जाँच में स्वास्थ्य विभाग द्वारा अनावश्यक बिलम्ब क्योंं ?. कहीं मामले के गुनहगारों से स्वास्थ्य विभाग मैनेज तो नहीं आज जब हमने फिर सीएमओ से फोन कर मामले की जानकारी लेना चाही तो साहब ने कहा मीटिंग में है डिप्टी सीएमओ कनौजिया साहब का पूरी घंटी बजने के बाद भी फोन नहीं उठा हैं।