Sultanpur

सुल्तानपुर : रामरती सिंह जूनियर हाई स्कूल कोथराकला में मृतक महिला को प्रधानाध्यापक बनाकर किया करोडों का घोटाला

जिलाधिकारी के आदेश पर जिलाबेसिक शिक्षा अधिकारी ने घोटाले की जांच के लिए गठित की कमेटी

जांच कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद भी नही हो रही है कार्यवाही

जांच रिपोर्ट में वित्तीय अनियमितता एवं गवन की हुई है पुष्टि

शिक्षा विभाग के अधिकारियो को गुमराह करके ले लिया मान्यता

मान्यता के 20 साल पहले मृतक महिला को स्कूल का प्रधानाध्यापक बनाकर करोड़ो का छात्रवृत्ति /विधायक निधि हड़पने का मामला

संजय सिंह

सुलतानपुर फ़्लैश

मामला रामरती सिंह जूनियर हाईस्कूल कोथराकला का है सन 2007 में संतोष कुमार सिंह स्कूल प्रबंधक ने अपने स्कूल की मान्यता ली मान्यता के समय न तो कोई स्कूल था और न कोई भवन था शिक्षा विभाग के अधिकारियो को गुमराह करके स्कूल की मान्यता ले ली।जिसकी शिकायत संतोष सिंह के सगे भाई शत्रुघन सिंह ने जिलाधिकारी से किया कि संतोष कुमार सिंह जो कि रामरती सिंह जूनियर हाई स्कूल कोथराकला के मैनेजर है उन्होंने गाटा संख्या 95 में स्कूल दिखा के मान्यता ले लिया जबकि गाटा संख्या 95में न तो कोई भवन/बिल्डिंग है वह प्लाट बिल्कुल खाली है और जिसकी नियुक्ति प्रधानाध्यापक पद पर की गई है उनकी मृत्यु मान्यता के 20 साल पहले हो चुकी है।

उक्त प्रकरण की जांच तत्कालीन जिलाधिकारी ने जिलाबेसिक शिक्षाधिकारी को सौंपा जिला बेसिक शिक्षाअधिकारी ने दो सदस्यीय जांच समिति बनाकर रिपोर्ट एक सप्ताह के अन्दर देने का आदेश दिये।उक्त आदेश के क्रम में खण्ड शिक्षाधिकारी लम्भुआ और खण्ड शिक्षा अधिकारी प्रतापपुर कमैचा ने जांच किया और अपनी रिपोर्ट पत्रांक 335/18 दिनांक 22- 11-2018 को जिलाबेसिक शिक्षा अधिकारी को सौप दिया जिसमे जांच कमेटी ने स्पस्ट उल्लेख किया है कि गाटा संख्या 95 में अथवा कोथरकला में इस नाम का कोई भी विद्यालय संचालित/स्थापित नही है।और प्रबंधक संतोष कुमार सिंह सुत श्री अवधेश कुमार सिंह निवासी कोथराकला द्वारा सिर्फ कागजों में विद्यालय चलाया जा रहा है। *सबसे चौकाने वाली बात ये है कि कथित विद्यालय में जिस सरोज सिंह नाम की महिला को प्रधानाध्यापक बनाकर उसके फर्जी हस्ताक्षर बनाकर जगह जगह पत्राचार किया गया और लाखों की समाजकल्याण / अल्पसंख्यक कल्याण विभाग से छात्रबृत्ति व विधायक निधि की धनराशि का आहरण किया गया साक्ष के आधार पर उस
सरोज सिंह की मृतयु लगभग 20 वर्ष पहले हो चुकी है।

जांच कमेटी ने अपनी जांच आख्या में यह भी कहा है कि संतोष सिंह द्वारा किया गया यह कृत्य वित्तीय अनियमितता एवं धोखाधड़ी की श्रेडी में आता है मामला अत्यन्त गम्भीर होने के वावजूद जिलाबेसिक शिक्षाधिकारी द्वारा आरोपी को बचाया जा रहा है जिससे आरोपी का हौसला बुलंद है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Alert: Content selection is disabled!!