SONBHADRA
राज्य मंत्री के विधान सभा क्षेत्र से गायब हो गया 70 फीट ऊंचा पहाड़, जाने क्या है मामला
वन प्रभाग रेनूकूट के पिपरी सोनवानी स्थित नउवा पहाड़ी का मिट गया अस्तित्व
मोरम, गिट्टी के लिए खोदी जा रही है पहाड़ी, जिमेदार है मौन
निर्वाण टाइम्स
म्योरपुर/सोनभद्र(संवाददाता)।जिले के राज्य मंत्री वाले विधान सभा क्षेत्र के वन प्रभाग रेणुकूट के अनपरा रेंज के रिहंद जलाशय के नजदीक पिपरी सोनवानी में खनन्न के लिए प्रतिबंधित क्षेत्र में 70 फीट ऊंची नउआ पहाड़ी को अवैध खनन कर्ताओं ने बीच से ही गायब करने के साथ दस से पन्द्रह फिट गहरा भी कर दिया और जिम्मेदार अधिकारियों ने इसकी सुधि तक नही ली।मजे की बात यह है की पहाड़ी का स्वरूप अस्तित्व में ना रहने के बाद भी वहा खनन बदस्तूर जारी है। रविवार को इस घटना का खुलासा पर्यावरण कार्यकर्ताओं ने स्थलीय निरीक्षण के बाद करते हुए बताया कि पहाड़ी में अवैध खानन कर उसमें से मोरम और सोलिंग,गिट्टी निकाल कर वहा के उघोगो के निर्माण और समतली करण में प्रयोग किया गया है । 2014 में एन जी टी में जन हित याचिका दायर करने वाले सदस्य राम नारायण, ने बताया कि जलाशय किनारे किसी भी तरह का खनन पर एनजीटी ने रोक लगा दिया है।इसके बाद भी पहाड़ ही गायब हो गया इसके लिए जिले की प्रशासनिक व्यवस्था को जिमेदार ठहराया जाना चाहिए ।टीम ने स्थानीय ग्रामीणों से बात चीत के बाद बताया कि पिछले आठ सालों से लगातार खननं के बाद पहाड़ी गायब हो गया।जिससे पर्यावरण के साथ करोड़ो का राजस्व नुकसान भी होने की उम्मीद है। जिसकी जांच कराकर खनन कर्ताओं और जिमेदारो से नुकसान की भरपाई कराई जानी चाहिए।
स्वतंत्र कुमार श्रीवास्तव(डीएफओ) ने कहा
मामले की जानकारी नहीं है लेकिन पहाड़ी को नुकसान पहुंचाया गया है तो टीम भेज कर जांच करवाता हूं। मामले में सच्चाई होगी तो निश्चित रूप से कार्यवाही होगी।
स्थानीय ग्रामीण दबंगों के डर से नही खोलते मुंह
म्योरपुर/सोनभद्र।पिपरी सोनवानी स्थित नउआ पहाड़ी का अस्तित्व मिटाने वाले कथित खनन कर्ताओं के दबंगई के डर से स्थानीय ग्रामीण मुंह नही खोलते है।उन्हे विरोध करने की कीमत कई बार मार खा कर चुकानी पड़ी है तीन साल पहले एक युवक ने केवल फोटो खींच लिया था इसके बाद उसकी पिटाई हुई थी ।तत्कालीन प्रधान को भी विरोध करने की कीमत गाली गलौज और मार पीट के रूप में भुगतनी पड़ी थी। तब से खनन का स्थानीय ग्रामीण विरोध नही करते।ग्रामीणों ने कहा कि जब राज्य मंत्री के विधान सभा में ही पहाड़ गायब हो गया तो खनन कर्ताओं की पहुंच का अंदाजा लगाया जा सकता है।