पत्रकार सुरेश जायसवाल के पुत्र के निधन पर शोक
विधायक सहित तमाम हस्तियों ने जताया दुख
बिलसंडा(संवाददाता)। पत्रकार सुरेश जायसवाल के पुत्र सावन जायसवाल का बुधबार सुबह हार्टअटैक से आकस्मिक निधन हो गया।वह महज 25 वर्ष का था,और भाई बहनों में सबसे बड़ा होने के कारण घर परिबार में सबका चहेता भी था।वह अपने पीछे पिता भाई बहनों के अलाबा पत्नी व 3 वर्ष का पुत्र भी रोते बिलखते छोड़ गया।बताते हैं कि सुबह अचानक उसे तेज दर्द की शिकायत हुई,तो आनन फानन में डॉक्टरों को बुलाया गया,मगर तब तक काफी देर हो चुकी थी।प्रातः होते ही नगरबासियों के लिए इतनी मनहूस खबर आएगी,किसी ने इसकी कल्पना भी नही की होगी।जिसने भी यह समाचार सुना वह सन्न रह गया,हर कोई उनके घर पहुंचकर परिबार को ढांढस बंधाता रहा।नगर सहित क्षेत्रभर के तमाम लोगों ने उनके निधन पर दुख जताया। विधायक विवेक वर्मा, दिब्या गंगवार,पूर्वमंत्री अनीस खां फूलबाबू , पंचायत अध्यक्ष अटल जायसवाल, इंटर कालेज के प्रबंधक पंकज जायसवाल, पूर्व प्रधानाचार्य केके मिश्रा,अवधेश शर्मा,महेश यादव,व्यापार मंडल अध्यक्ष अवनीश जायसवाल, मन्ने सक्सेना,महामंत्री एम.रेहान,अजय जायसवाल,देवदत्त सक्सेना,सभासद विकेश जायसवाल,डीके गुप्ता,विक्रमनरेश जायसवाल,अधिवक्ता आशीष सक्सेना, बंटी गुप्ता,सुमित गुप्ता, श्रीपाल जायसवाल,विकास जायसवाल,राहुल सिंघल,अतुल जायसवाल,नरेंद्रमोहन सक्सेना,रामेन्द्र गोस्वामी,मनू शुक्ला,अजय जायसवाल,अरुण मिश्रा,शेखर वर्मा,पत्रकार अनमोल शर्मा,रिविन शुक्ला,सुनील मिश्रा ,अमित मिश्रा दीनदयाल शास्त्री सहित क्षेत्र के समस्त पत्रकारो ने शोक श्रद्धाजंलि अर्पित की।दोपहर बाद नगर के ही श्मशान घाट पर गमगीन माहौल में उसकी अंत्येष्टि हुई।
पत्नी का पहले हो चुका निधन अब जवान बेटे की मृत्यु पर बिखर गया परिबार
बिलसंडा।भगवान की मर्जी के बगैर एक पत्ता भी नही हिल सकता।इंसान चाहंकर भी बेबस और लाचार हो जाता है और सच यह भी है कि जो नसीब में लिखा होता है,उसको कभी मिटाया नही जा सकता।पत्रकार सुरेश जायसवाल की किश्मत में भी कुछ ऐसा ही खेल वर्षों से चल रहा है।शुरुआती दो दशक पहले नगर में जिस तरह इन्होंने पत्रकारिता जगत में नाम कमाया वह जगजाहिर है। दो पुत्र और दो बेटियों का हंसता खेलता परिवार था। 2018 में उनकी धर्मपत्नी बविता की मौत ने उन्हें झकझोर दियाऔर उनकी कच्ची गृहस्थी उजड़ गयी।अभी नवम्बर माह में उन्होंने बेटी का विवाह बरेली में किया,तो सबकुछ ठीक था।बुधबार को उनके बड़े पुत्र ने भी दुनिया को अलविदा कह दिया।जिससे वह पूरी तरह टूट गए।आज हर कोई इस परिबार पर दुखों के टूटे पहाड़ को लेकर भगवान को कोस रहा था।सबकी जुवां पर यही था कि भगवान सारी मुसीबतें इन्हें ही देनी थीं क्या।मृतक सावन के छोटे से खेलते मासूम बच्चे को तनिक भी ख्याल नही था कि अब उसके सर से बाप का साया उठ गया।हर कोई उसे देखकर अपने आंसू नही रोक पाया।