Uttar Pradesh
किसान नेताओं ने प्रियंका गांधी को मंच से संबोधन करने से रोका

लखनऊ(निर्वाण टाइम्स)।लखीमपुर खीरी में तीन अक्टूबर को उपद्रव के बाद हिंसा में मृत चार किसानों की अंतिम अरदास मंगलवार को शुरू हो गई है। संयुक्त किसान मोर्चा ने प्रियंका गांधी को अपना मंच देने से इन्कार किया, हालांकि मोर्चे ने प्रियंका गांधी का और उनकी पार्टी का आभार जताया। किसान नेताओं ने इसके साथ ही चेतावनी भी दी है कि वह राजनेताओं को अपना मंच साझा नहीं करने देंगे। वहां पर टकराव की आशंका में भारी पुलिस बल सोमवार रात से एकत्र है।
लखीमपुर खीरी के तिकुनिया में तीन अक्टूबर को हिंसा में मृत किसानों की अंतिम अरदास में किसानों ने कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव वाड्रा को वहां मौजूद किसान नेताओं ने मंच से संबोधन करने के रोक दिया। लखीमपुर खीरी में हिंसा में चार किसानों की मृत्यु के बाद मंगलवार को तिकुनिया में अंतिम अरदास में मंच पर किसान नेता राकेश टिकैत के साथ अन्य किसान थे। इस दौरान कांग्रेस की प्रियंका गांधी वाड्रा ने आम लोगों के बीच में बैठकर अरदास की। उन्होंने जब इसके बाद मंच से किसानों को संबोधित करने की इच्छा जताई तो किसान नेताओं ने साफ इन्कार कर दिया। इससे पहले प्रियंका गांधी ने चारों किसानों को श्रद्धांजलि भी दी।
मंत्री के बेटे की रेड कार्पेट गिरफ्तारी: टिकैत
किसान नेता राकेश टिकैत ने इस दौरान साफ कहा कि यह अरदास मृत किसानों की आत्मा की शांति के लिए रखी गई है। इसे राजनीति से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए। टिकैत ने कहा कि किसान अपनी मांग पर कायम हैं कि केन्द्रीय मंत्री अजय कुमार मिश्रा टेनी को पद से बर्खास्त किया जाए। बिना उनकी बर्खास्तगी के उनके पुत्र के खिलाफ जांच सही से नहीं हो पाएगी। उन्होंने कहा कि मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा की गिरफ्तारी एक ‘रेड कार्पेट’ गिरफ्तारी है। अगर मंत्री को तुरंत नहीं हटाया जाता है तो यह आंदोलन ऐसे ही चलता रहेगा। टिकैत ने कहा कि हम आतंकी हमले में शहीद जवानों के घर भी जाएंगे। किसानों के साथ-साथ सभी को जवानों के घर भी जाना चाहिए और हम पहले भी जाते रहे हैं। जवान भी किसानों के ही बेटे हैं।