जो बाइडन पर कस सकता है शिकंजा
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वाशिंगटन।अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। गुप्त दस्तावेज की खोज में अमेरिकी खुफिया एजेंसी एफबीआई लगातार अलग-अलग ठिकानों पर तलाशी कर रही है। हालांकि, अभी तक कोई खास सफलता मिलती दिख नहीं रही है। ताजा रिपोर्ट के मुताबिक एफबीआई इस बार डेलावेयर विश्वविद्यालय में पहुंचकर दो जगहों पर तलाशी ली है। तलाशी में क्या सब मिला है? इसकी जानकारी अभी सामने नहीं आई है। बता दें कि इस महीने की शुरुआत में भी अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के डेलावेयर स्थित घर और वॉशिंगटन के ऑफिस में अमेरिकी न्याय विभाग ने छापेमारी की थी। बाइडन पर उपराष्ट्रपति रहते हुए गोपनीय फाइलों को अपने निजी घर और दफ्तर में छिपाने का आरोप है।
पहले जानिए अब तक इस मामले में क्या-क्या हुआ?
दो नवंबर को भी अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के डेलावेयर स्थित घर और वॉशिंगटन के ऑफिस में अमेरिकी न्याय विभाग ने छापेमारी की थी। बाइडन पर उपराष्ट्रपति रहते हुए गोपनीय फाइलों को अपने निजी घर और दफ्तर में छिपाने का आरोप है। उस वक्त उनके घर और दफ्तार से आठ साल पुरानी खुफिया फाइलों के 20 सेट मिले थे। अब फिर से 20 जनवरी को न्याय विभाग ने बाइडन के डेलावेयर स्थित घर पर छापेमारी की। 13 घंटे तक चली इस छापेमारी में छह और गोपनीय फाइलें मिलीं हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, जब बाइडन के घर की तलाशी ली जा रही थी, उस समय बाइडन या उनकी पत्नी घर पर नहीं थे।
अब जानिए फाइलों में क्या है?
इस बारे में मीडिया ने राष्ट्रपति बाइडन से पूछा तो उन्होंने कुछ भी जानकारी होने से साफ इंकार कर दिया। बाइडन ने कहा है कि उन्हें नहीं पता है कि इन फाइलों में क्या है। हालांकि, कुछ अमेरिकी मीडिया का दावा है कि पहली 10 फाइलों के सेट में यूक्रेन, ईरान और ब्रिटेन से जुड़ी कुछ खुफिया जानकारियां हैं। ये फाइलें उस समय की हैं जब बाइडन अमेरिका के उप-राष्ट्रपति थे। दवा किया गया है कि इन फाइलों में 2015 में हुई बाइडन के बेटे बीयू बाइडेन की मौत की जानकारियां भी शामिल हैं।
जब ये फाइलें मिली तो उन पर टॉप सीक्रेट का लेबल लगा हुआ था। हालांकि डॉक्यूमेंट्स के दूसरे सेट में क्या है इस पर किसी के पास ज्यादा जानकारी नहीं है। वहीं, बाइडन के वकील ने बताया है कि इन फाइलों में आठ साल पहले के ओबामा-बाइडन के कार्यकाल के दौरान के कुछ दस्तावेज हैं। वहीं, 20 जनवरी को मिली फाइलों में से कुछ फाइलें तो उस समय की हैं, जब बाइडन सीनेटर हुआ करते थे। वहीं, कुछ तब की हैं, जब आठ साल पहले वो उप-राष्ट्रपति थे।