…..अब खेलोगे-कूदोगे तो बनोगे “नवाब”
ग्रामीण अंचल के खिलाड़ियों को तलाशे और तराशेंगे "भोला" सिंह
जिला खेल प्रोत्साहन समिति अध्यक्ष ने खींचा खाका
जल्द ही ग्रामीण अंचल में “खोजे” जाएंगे खिलाड़ी
सुल्तानपुर(विनोद पाठक)। जिले के प्रतिभावान खिलाड़ियों के लिए अच्छी खुशखबरी है। ऐसे खिलाड़ी जो संसाधनों के अभाव में अपनी प्रतिभा को निखारने में मायूस रहते हैं, अब उन्हें खेल संसाधनों के लिए जूझना नहीं पड़ेगा। खेल के संसाधन बहुत जल्द अब उनके “द्वार” पहुंचेंगे। ऐसी कवायद खेल के प्रेमी जिला खेल प्रोत्साहन समिति के अध्यक्ष नागेंद्र प्रताप सिंह “भोला” शुरू करने जा रहे हैं। अब प्रतिभावान खिलाड़ियों की खोज शहर से गांव की ओर रुख किए जाने का प्रयास कर रही है। जल्द ही जिला खेल प्रोत्साहन समिति चयन समिति के माध्यम से ग्रामीण अंचल के खिलाड़ियों को तलाश कर “तराशने” का काम करेगी।
गौरतलब हो कि जिला ओलंपिक महासंघ ने भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं समाजसेवी नागेंद्र प्रताप सिंह “भोला” को खेल प्रतिभाओं को आगे बढ़ाने के लिए जिला खेल प्रोत्साहन समिति का अध्यक्ष का दायित्व सौंपा है। अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी मिलने के बाद नागेंद्र प्रताप सिंह “भोला” खेल को बढ़ावा देने के लिए गंभीर ही नहीं हुए हैं, बल्कि उसे “धरातल” पर उतारने के लिए पूरी कोशिश में लगे हैं। शहर से लेकर ग्रामीण अंचल तक खेल और खिलाड़ियों को कैसे “गुणात्मक” तरीके से आगे बढ़ाया जाए, मंथन में जुटे हैं। खाका ऐसे तैयार किया जा रहा है कि कोई भी खिलाड़ी अछूता न रह जाए। इसलिए जिले को “पांच” सेक्टर में बांटने की रणनीति बनाई गई है। ऐसी लेयर निर्धारित की जा रही है कि इसी के तहत तहसील से लेकर ब्लॉक और न्याय पंचायत तक जिला खेल प्रोत्साहन समिति खेल के मैदान और खिलाड़ियों तक पहुंचे। पहले चरण में उन गांव के खिलाड़ियों को लाभ मिलेगा। जिस गांव के खिलाड़ियों के पास बड़ा खेल ग्राउंड होगा। बशर्ते खिलाड़ियों की संख्या अच्छी खासी हो। जिस ग्राउंड पर कम से कम 100-150 की संख्या में खिलाड़ी नियमित “प्रैक्टिस” करते हो। ऐसे ग्राउंड के खिलाड़ियों को खेल संसाधन जिला प्रोत्साहन समिति मुहैया कराएगी। जिसमें वॉलीबॉल, फुटबॉल, क्रिकेट, टेनिस आदि खेलों के खिलाड़ियों को खेल किट के जरिए लाभ पहुंचाने की योजना बनाई गई है। इस कार्य योजना पर अंतिम मोहर चयन समिति लगाएगी तो निश्चित तौर पर ग्रामीण अंचल के खिलाड़ियों की छुपी प्रतिभा भी निखरेगी और खिलाड़ी प्रतिभा का बेहतर प्रदर्शन भी करेंगे, जो जिले की खेल जगत के लिए “मील का पत्थर” साबित हो सकता है। इस पर “अमलीजामा” पहनाने के लिए जिला खेल प्रोत्साहन समिति के अध्यक्ष नागेंद्र प्रताप सिंह “भोला” तन-मन से जुटे हैं। “दृढ़” निश्चयी भोला सिंह के अंदर जो “जज्बा” है, खेल को बढ़ावा देने के लिए निश्चित तौर पर जिले के खिलाड़ी खेल के जरिये आने वाले समय मे जिले का नाम “रोशन” करेंगे। भोला सिंह ने खिलाड़ियों को संदेश दिया है कि उनकी जितनी क्षमता है, खेल को बढ़ावा देने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ेंगे।
जिला खेल प्रोत्साहन समिति के अध्यक्ष नागेंद्र प्रसाद सिंह “भोला” ने बताया कि खेल को बढ़ावा इसलिए दिया जा रहा है कि सरकारी विभागों में जब रिक्तियां निकाली जाती है तो उसमें खिलाड़ियों का रिजर्व कोटा होता है। अच्छे खिलाड़ियों का चयन सरकारी नौकरियों में बड़ी आसानी से हो जाता है। इसलिए खेल को बढ़ावा दिया जा रहा है। जिससे कि खिलाड़ी भी शानदार प्रदर्शन कर आगे बढ़ सके। इस पर एक पुरानी कहावत चरितार्थ हो रही है कि अब खेलोगे कूदोगे तो बनोगे “नवाब”।