National

कोयले की आपूर्ति प्रभावित होने से मंडराने लगा बिजली संकट, उत्तर भारत के कई राज्यों में हो रही है कटौती

लखनऊ।घरेलू स्तर के साथ आयातित कोयले की सप्लाई प्रभावित होने से बिजली संकट का खतरा मंडराने लगा है। कई राज्यो में बिजली की घंटों कटौती शुरू हो चुकी है जिससे औद्योगिक उत्पादन भी प्रभावित हो रहा है। महाराष्ट्र अपने पावर प्लांट के लिए कोयले की कमी बता रहा है। गुजरात भी बिजली संकट से जूझ रहा है। उत्तर प्रदेश समेत उत्तर भारत के कई राज्यों में बिजली की घंटों कटौती हो रही है। बिजली की मांग में होने वाली बढ़ोतरी को देखते हुए पावर एक्सचेंज आईईएक्स में एक अप्रैल को बिजली की कीमत प्रति यूनिट 20 रुपए के स्तर तक पहुंच गई। जानकारों का कहना है इस साल समय से पहले उत्तर भारत में गर्मी अधिक पड़ने से भी बिजली की मांग में बढ़ोतरी हुई है। इस साल मार्च में बिजली की खपत पिछले साल मार्च के मुकाबले 4.6 फीसद अधिक रही।केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (सीईए) की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में बिजली की कुल उत्पादन क्षमता 3.95 लाख मेगावाट है और इनमें से 2.35 लाख मेगावाट थर्मल बिजली है। 2.10 लाख मेगावाट बिजली का उत्पादन कोयले से होता है तो लगभग 25,000 मेगावाट की क्षमता गैस आधारित है। भारत अब भी मुख्य रूप से बिजली के लिए कोयला आधारित पावर प्लांट पर ही निर्भर करता है। फिलहाल मांग में बढ़ोतरी के बावजूद पावर प्लांट का पीएलएफ (प्लांट लोड फैक्टर) 60 फीसद से कम है। 2.10 लाख मेगावाट के कोयला आधारित पावर प्लांट में से लगभग 40,000 मेगावाट के पावर प्लांट आयातित कोयले पर निर्भर करते हैं क्योंकि उनके प्लांट की संरचना ऐसी है कि वे घरेलू कोयले से नहीं संचालित हो सकते हैं। बाकी के पावर पलांट भी कोयले की कमी को दूर करने के लिए 10 फीसद तक आयातित कोयले का इस्तेमाल करते है।रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कोयले के दाम में भारी बढोतरी हुई है। यूरोप में कोयले की मांग काफी बढ़ गई है क्योंकि वहां प्राकृतिक गैस की किल्लत हो गई है। इससे आयातित कोयले की सप्लाई प्रभावित हो रही है। इकरा की रिपोर्ट के मुताबिक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कोयले की कीमत बढ़ने से आयातित कोयले से चलने वाले पावर प्लांट की उत्पादन लागत में पिछले एक साल में तीन रुपए प्रति यूनिट की बढ़ोतरी हो चुकी है। घरेलू स्तर पर भी दो दिन पहले तक पावर प्लांट के पास औसतन नौ दिन का कोयला स्टॉक था जबकि यह स्टॉक 24 दिन का होना चाहिए।

आयातित पावर प्लांट के पास कोयले का स्टाक नाजुक स्थिति में है। इंडिया रेटिंग एंड रिसर्च के निदेशक एवं ऊर्जा विशेषज्ञ सलिल गर्ग ने बताया कि घरेलू स्तर पर कोयले की कमी का अलर्ट जारी होने के साथ गर्मी में अचानक तेजी से बिजली की मांग अधिक हो गई। यही वजह है कि एनर्जी एक्सचेंज में बिजली की कीमत 20 रुपए प्रति यूनिट तक पहुंच गई, लेकिन सभी राज्य इतने सक्षम नहीं है कि 20 रुपए प्रति यूनिट बिजली खरीद कर उपभोक्ताओं को दे सके। इसलिए बिजली की कटौती हो रही है। गर्ग ने बताया कि बहुत लंबे समय तक ऐसी स्थिति नहीं रहेगी, कोयले की सप्लाई तेज होते ही स्थिति सामान्य होने लगेगी।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Alert: Content selection is disabled!!