विधायक राज प्रसाद उर्फ राज बाबू के भतीजे का कारनामा

85 लोगों का किया आवास आवंटन
शासन के निर्देश पर पहुंची जांच टीम तो पात्र मिली एक महिला
सुल्तानपुर।जिले में आवास आवंटन में बड़ा घोटाला सामने आया है।ग्राम्य विकास आयुक्त के आदेश पर गांव पहुंची टीम ने आवास आवंटन की जांच किया तो 85 नामों की सूची में सिर्फ कौशल्या अकेले पात्र मिली।मामला कादीपुर तहसील अंतर्गत ब्लॉक अखण्डनगर के ग्राम रतनपुर से जुड़ा है। पैसे और सत्ता की हनक में ग्राम प्रधान ने सरकारी धन की इस कदर बंदर-बांट की कि 85 आवास की सूची में मात्र एक व्यक्ति ही पात्र मिला और 84 अपात्र मिले।आपको बता दें कि रतनपुर में आजादी के बाद यानी पंचायत चुनाव से लेकर अबतक सिर्फ एक ही परिवार से ग्राम प्रधान चुने गए। धनबल का यह असर रहा कि सरकार द्वारा जारी आरक्षण आदेश भी कभी इस ग्राम सभा पर लागू नहीं हो पाया। इस गांव में प्रधानी सदर विधायक जयसिंहपुर राज प्रसाद उर्फ राज बाबू के परिवार में है। राज बाबू संजय निषाद की पार्टी से विधायक बन सत्ता की मलाई काट रहे हैं। वर्तमान में उनका भतीजा प्रधान है। तो किसमे हिम्मत है जो उनके विरुद्ध कदम उठाए।
यही वजह रही कि ग्राम सभा के 84 अपात्रों को आवास आवंटित कर दिया गया। बीडीओ व सचिव ने आंख बंदकर बिना जांचे परखे धन भी अवमुक्त कर दिया। सामाजिक कार्यकर्ता अविजित प्रताप सिंह उर्फ शशांक सिंह को जब इसकी भनक लगी तो उन्होंने सरकारी धन की बंदर-बांट की शिकायत जिलाधिकारी रवीश गुप्ता, सीडीओ अंकुर कौशिक और मुख्यमंत्री व ग्राम्य विकास आयुक्त से की। जिसकी जांच ग्राम्य विकास आयुक्त के आदेश पर परियोजना निदेशक की देखरेख में बनी 15 सदस्यों की टीम ने बुधवार को ग्राम रतनपुर पहुंचकर किया। एक-एक परिवार की जांच की गई। जांच करने आये टीम के मुखिया परियोजना निदेशक ने बताया कि शिकायत कर्ता की शिकायत सत्य पाई गई है। सभी अपात्रों के आवास निरस्त कर दिए जाएंगे और जिस-जिस ने धन का दुरुपयोग किया उनसे वसूली भी की जाएगी। जांच के समय काफी संख्या में ग्राम वासी मौजूद रहे और कुछ पात्र लोग यह भी कहे कि प्रधान मनमानी करते हैं जो पात्र हैं उन्हें कोई सुविधाएं नहीं मिलती। प्रधान अपने ही लोगो को सरकार की सारी योजनाओं का लाभ दे देते हैं।