Lakhimpur-khiri

फर्जी वनचौकी/बैरियर की जांच की खबर पाकर वन पड़ताल

चौकी का बोर्ड व बैरियर खोला गया,दक्षिण खीरी वन प्रभाग के
एस.डी.ओ. सदर के निरीक्षण से पहले रेंज अधिकारी गोला ने फर्जी संचालित वनचौकी/बैरियर के सबूत मिटाने का किया असफल प्रयास

एसडीओ वन ने मौके पर आकर आसपास के दुकानदार व ग्रामीणों से की बात तो तैनात मृतक गेट मैन प्रदीप कुमार,अरुण कुमार यादव,कल्लू पंडित का डियूटी पर रहना तथा बोर्ड व बैरियर खोलने के मिले है प्रमाण

होती लाल रस्तोगी/एस.पी.तिवारी

गोलागोकरननाथ-खीरी।दक्षिण खीरी वन प्रभाग की वनरेंज गोला के रेंज अधिकारी बनारसीदास के संरक्षण में चलने वाला फर्जी वन चौकी/बैरियर जहां पर नित्य होती थी हजारों की अवैध वसूली और अचानक गेट मैन प्रदीप कुमार की रविवार की रात्रि में डियूटी के समय हुई रहस्य मय परिस्थितियों में मौत के बाद भ्रष्टाचार व अवैध वनचौकी/बैरियर का हुआ खुलासा।जानकारी के अनुसार दक्षिण खीरी वनप्रभाग की वनरेंज गोला में तीन फर्जीबैरियर / वनचौकी लम्बे समय से संचालित है जिसमें सबसे पहले अलीगंज मार्ग पर की वनचौकी/बैरियर को लाल्हापुर से हटाकर आगे बडी नहर पर खोल कर संचालित किया गया।इसी प्रकार वनरेंज कार्यालय गोला मोड से हटाकर कोटवारा मोड लखीमपुर तथा खुटार रोड का बैरियर हटा कर ग्राम दतेली के निकट बाईपास पर स्थापित किया गया था।जिसमें अलीगंज व खुटार मार्ग पर पक्की वनचौकी बनी हुई थी जिसके खाली होने पर चौकी भवन अलीगंज मार्ग निकट लाल्हापुर का भवन गिराकर मलबा हटवा कर बिक्री भी हो गई है खुटार रोड पर का निर्मित कमरा अभी मौजूद हैऔर आगे चलकर वनचौकी संचालित होने लगी थी जिसमें मुख्य रुप से प्रदीप कुमार यादव,अरुण कुमार यादव, कल्लू पंडित की तैनाती थी।फर्जी वनचौकी/बैरियर का रहस्य उस समय खुला जब प्रदीप कुमार की मौत और आनन फानन में उसके शव का बगैर पोस्टमार्टम कराए ही अंतिम संस्कार कराने में वनरेंज अधिकारी ने दिलचस्पी दिखाई पर खबर मीडिया/विभिन्न समाचारपत्र के प्रतिनिधियों को लग गई जिसमें जब वनरेंज अधिकारी गोला बनारसीदास से जानकारी की तो उन्होंने साफ इंकार करते हुए अपना वनकर्मी प्रदीप कुमार के ना होने तथा वन चौकी/बैरियर को फर्जी बताकर अपना पल्लू झाडने का प्रयास किया। जिसके बाद मामला तूल पकडने लगा और सोमवार और मंगलवार को लगभग सभी दैनिक समाचारपत्रों व कुछ बेव चैनलों पर खबर चली।इसके बाद दक्षिण खीरी वनप्रभाग के प्रभागीय वना अधिकारी समीर कुमार ने इसे संज्ञान में लेकर एसडीओ सदर रविशंकर शुक्ला को मंगलवार को मौके पर जांच करने के लिए भेजा जिसमें पहले वनरेंज अधिकारी गोलासे बयान लिए जिसमें उन्होंने कहा कि उनके संज्ञान में नहीं थी यह वनचौकी/बैरियर ना ही मृतक के बारे में वह कुछ जानते है जिसके बाद वह मौकेपर आकर जांच/पूंछतांछ करआसपास के दुकानदारों व ग्रामीणों के बयान लिए जिसमें वनचौकी/बैरियर बहुत पहले से संचालित होने तथा सोमवार को देर रात्रि में वन चौकी का लगा बोर्ड व बैरियर को कुछ लोगों से उखडवाया गया तथा इसका प्रमाण सामने पडी लकडी की बल्ली तथा गायब बोर्ड है।इस वन चौकी पर लम्बे समय से तीन वनकर्मियों की तैनाती थी जिसमें वनकर्मी प्रदीप कुमार जो कि वनरेंज कार्यालय गोला के ठीक पीछे भूतनाथ कालोनी में रहता था दूसरा अरुण कुमार यादव भी उसी कालोनी का निवासी है। तीसरा कल्लू पंडित निवासी मथुरा नगर गोला का है यही इस बैरियर का संचालन करते थे और आपसी तालमेल से आठ आठ घंटे की डियूटी करते थे।प्रदेश के वनविभाग का इतना बडा भ्रष्टाचार व लूट का अडडा बनी फर्जी वनचौकी/बैरियर का खुलासा होने के बाद दक्षिण खीरी वन प्रभाग के प्रभागीय अधिकारी समीर कुमार व लखनऊ मंडल लखनऊ के मुख्य वन संरक्षक आर के सिंह तथा किसी भी अधिकारी ने कार्रवाई की बात तो दूर मौका मुआयना करना भी उचित नहीं समझा है अगर यह मामला दबाने में गोला वनरेंज अधिकारी सफल हो गए तब यह प्रदेश की सबसे कलंकित घटना होगी। फिलहाल गोला वनरेंज अधिकारी को डी.एफ.ओ. का खुला हुआ समर्थन मिला हुआ है इस लिए फर्जी ढंग से संचालित होने वाला वनचौकी/बैरियर का मामला फाइलों तक ही सीमित होकर रह जाएगा।

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