Bahraich

ग्राम सिलौटा में घरों में पानी भरने से मचान पर गुजर बसर करने की खबर भ्रामक: एसडीएम महसी

 


गोलागंज में भी मकान में पानी जाने की खबर झूठी

बहराइच (ब्यूरो): कतिपय समाचार पत्रों में ग्राम सिलौटा में घरों में पानी भरने से मचान पर गुजर बसर करने की खबर का संज्ञान लेते हुए उप जिलाधिकारी महसी ने बताया कि ग्राम सिलौटा में आबादी क्षेत्र में पानी का भराव नही है। घाधरा नदी का जलस्तर बढने से गांव के आस-पास के निचले स्थानों में पानी आया था जो जलस्तर कम होते ही निकल गया।
एसडीएम ने बताया कि खबर में दिखायी गयी मचान आबादी क्षेत्र से बाहर खेतों में स्थित है। जिस पर जानबूझकर लोगो को बैठाकर फोटो खिचाया गया है। ग्राम सिलौटा में आबादी क्षेत्र में किसी घर में पानी नही भरा है और न ही खाने-पीने की कोई समस्या है। उन्होंने बताया कि सोमवार को घाघरा नदी का जलस्तर 111.910 सेमी था जो मंगलवार को और कम होकर 111.820 सेमी. हो गया है। समाचार पत्र में प्रकाशित खबर तथ्यहीन है।
समाचार-पत्रों में तटबन्ध पर तिरपाल तानकर गुज़र बसर करने केे सम्बन्ध में प्रकाशित समाचार का संज्ञान लेते हुए उप जिलाधिकारी महसी ने बताया कि ग्राम कायमपुर, सिलौटा, गोलागंज आदि ग्रामांे के लोग काफी पहले से तटबंध पर रह रहे है। ग्राम कायमपुर, गोलागंज, सिलौटा, टिकुरी, पिपरी, बौण्डी आदि ग्रामों में बाढ़ का पानी आबादी क्षेत्र में नही है और न ही उन क्षेत्रों में खाने-पीने की कोई समस्या है।
दूसरी ओर कुछ समाचार पत्रों में ग्राम गोलागंज में कटान पीड़ित रामराज सिंह के परिषदीय विद्यालय विल्डिंग में रहकर अपना जीवन यापन करने तथा तहसील महसी स्थित बौण्डी क्षेत्र में बाढ़ से कई गांवो में जल स्तर बढने से ग्रामीण गृहस्थी लेकर कर रहे पलायन की खबर का संज्ञान लेते हुए उप जिलाधिकारी महसी ने बताया कि बौण्डी क्षेत्र ग्राम घूरदेवी में बाढ़ का जलस्तर घट रहा है तथा बाढ़ का पानी गांव की आबादी में नही है।
उप जिलाधिकारी महसी ने यह भी बताया कि बीते रविवार को घूरदेवी के पास जल स्तर 112.130 सेमी. तथा जो कि सोमवार को अपरान्ह लगभग 02ः00 बजे घट कर 111.96 सेमी. हो गया था। उन्होंने यह भी बताया कि ग्राम गोलागंज में रामराज सिंह का मकान तिगड़ा मजरे में बन रहा है, वह विद्यालय में रह रहे हैं जो शिक्षा कार्य के प्रयोग में नहीं लाया जा रहा है।
उप जिलाधिकारी महसी ने बताया कि गोलागंज में किसी भी मकान में पानी नहीं आया था अलबत्ता आबादी के आसपास निचले स्थानों में पानी आ गया था। उन्होंने बताया कि खाने पीने की कोई परेशानी नहीं है। कई ग्रामों में निचले वालों को तिरपाल भी वितरित किया गया है तथा हालात पर सतर्क दृष्टि रखी जा रही है।

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