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जिलाधिकारी के औचक निरीक्षण मेंं लगभग दो दर्जन कर्मचारी अनुपस्थिति पाये गये

 

बस्ती(रुबल कमलापुरी)। जिलाधिकारी आशुतोष निरंजन ने आज सीएमओ कार्यालय का 10.30 बजे आकस्मिक निरीक्षण किया। उन्होने सीएमओ कार्यालय का मुख्य द्वार बन्द कराते हुए सभी उपस्थित कर्मचारियों को कंट्रोल रूम में एकत्र कर हाजिरी लिया। निरीक्षण में लगभग दो दर्जन कर्मचारी अनुपस्थित पाये गये। जिलाधिकारी ने इन कर्मचारियों का वेतन काटने तथा स्पष्टीकरण प्राप्त करने का निर्देश दिया हैं। इस मौके पर सीएमओ डाॅ0 एके गुप्ता, डाॅ0 सीएल कन्नौजिया, डाॅ0 फखरेयार हुसैन, डाॅ0 अजीत कुमार कुशवाहाॅ उपस्थित रहें। निरीक्षण में जिलाधिकारी ने पाया कि महेन्द्र गुप्ता 15 एवं 16 को भी अनुपस्थित थे। सीएमओ ने रजिस्टर का निरीक्षण करते हुए उन्हें अनुपस्थित दर्षाया है। इसके बावजूद उन्होने बिना अनुमति प्राप्त किए हस्ताक्षर बना दिया। जिलाधिकारी ने इस अनुशासनहीनता के लिए उन्हें जमकर डाट लगाई तथा तीन दिन का वेतन काटते हुए विभागीय कार्यवाही करने का निर्देश दिया। जितेन्द्र कुमार पाण्डेय अनुपस्थित पाये गये, उनके बारे में कार्यालय द्वारा बताया गया कि वे एडीएम कार्यालय से सम्बद्ध है, परन्तु जब जिलाधिकारी ने एडीएम कार्यालय फोन मिलाकर तहकीकात किया तो वहाॅ इस नाम का कोई व्यक्ति कार्यरत नही पाया गया। गिरिजेश कुमार श्रीवास्तव पिछले तीन दिन से अनुपस्थित है। इनका भी वेतन काटने एवं कारण बताओं नोटिस जारी करने का निर्देश दिया गया।उपस्थिति पंजीका के निरीक्षण से ज्ञात हुआ कि कुछ कर्मचारी सीएमओ कार्यालय में हस्ताक्षर बनाते है तथा ड्यूटी कही और करते है। जिलाधिकारी ने निर्देश दिया है कि कोरोना वायरस के कारण कार्य को देखते हुए सभी लिपिक, सहायक लिपिक, संविदा एंव आउटसोर्सिंग के कर्मचारियों के कार्यो का समीक्षा कर लिया जाय तथा आवश्यकतानुसार उनकी ड्यूटी लगायी जाय।निरीक्षण के दौरान डाॅ0 अजय कुमार, डाॅ0 स्वाती त्रिपाठी, रामराज, षिवचन्द्र मिश्र, गिरिजेश कुमार श्रीवास्तव, जगदम्बिका त्रिपाठी, अजय प्रकाश मिश्र, विनय कुमार, विजय प्रकाश, हीरालाल, पूरनचन्द्र शुक्ल, हरीराम, काशी प्रसाद, सरद चैधरी, सच्चिदानन्द चैरसिया, पलक, सतानन्द मणि, शोभित कुमार, गिरीशमणि त्रिपाठी अनुपस्थित पाये गये। सीएमओ को कार्यप्रणाली में सुधार लाने के निर्देश- जिलाधिकारी के आकस्मिक निरीक्षण के दौरान सीएमओ डाॅ0 एके गुप्ता एक रजिस्टर पर निर्देशों को नोट कर रहे थे, जिलाधिकारी ने मार्क किया कि सीएमओ साहब रजिस्टर के पिछले पन्ने पर निर्देश लिख रहे थे। जिलाधिकारी ने जब इसका कारण जानना चाहा तो वे उसका समुचित जवाब नही दे पाये। जिलाधिकारी ने रजिस्टर का निरीक्षण किया तो पाया कि इसमें आढे तिरछे ढंग से कुछ लिखा गया था, जिसको सीएमओ साहब ने कोड भाषा बताया। देा दिन पहले सम्पन्न हुयी बैठक के निर्देशों को भी इसी कोड भाषा में नोट किया गया था, जिसे जिलाधिकारी ने इसका अर्थ बताने को कहा। सीएमओ साहब स्वयं के लिखे हुए का भी नही बता पाये। जिलाधिकारी ने जानना चाहा कि जबसे उन्होने सीएमओ का कार्यभार संभाला है और बैठको में भाग लिया है तबसे जो निर्देश प्राप्त हुये है उसे संबंधित को पत्र लिखकर अवगत कराया कि नही। सीएमओ महोदय इसका भी समुचित उत्तर नही दे पाये। जिलाधिकारी ने उन्हें अपने पद की गरिमा समझते हुए संकट काल की इस स्थिति में दायित्वों को गम्भीरता से निर्वहन करने का निर्देश दिया। उन्होने कहा कि अपने कार्यो को अपने सहयोगी अधिकारियों एसीएमओ तथा डिप्टी सीएमओ के माध्यम से कराना सुनिश्चित करें।

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